India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Heatstroke: बिहार के दरभंगा के रहने वाले 40 साल के एक व्यक्ति की दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हीटस्ट्रोक के कारण मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब राजधानी दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी चल रही थी।
इस व्यक्ति को सोमवार रात देर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, वह एक ऐसे कमरे में रह रहा था जिसमें न तो कूलर था और न ही पंखा, जिसके कारण उसे बहुत तेज बुखार हो गया। डॉक्टर ने बताया कि उसके शरीर का तापमान 107 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो सामान्य से लगभग 10 डिग्री अधिक था।
40 वर्षीय व्यक्ति पिछले पांच सालों से दिल्ली में काम कर रहा था। डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद उसे तुरंत हीट स्ट्रोक यूनिट में भर्ती किया गया। यह एक विशेष यूनिट है जिसे 8 मई को बढ़ते तापमान के कारण आरएमएल अस्पताल में पहली बार स्थापित किया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर ने बताया, “मरीज मंगलवार शाम तक यूनिट में रहा। बुधवार सुबह उसे वार्ड में शिफ्ट किया गया। उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और दोपहर करीब 3 बजे उसकी मौत हो गई।”
आरएमएल अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. अजय चौहान ने बताया कि पिछले हफ्ते हीट स्ट्रोक यूनिट में 6-7 मरीज भर्ती हुए थे। चौहान, जो इस यूनिट के प्रमुख भी हैं, ने बताया कि उनमें से दो मरीज अभी भी भर्ती हैं। इनमें से एक हीट एग्जॉशन का मामला है।
डॉ. चौहान ने बताया कि ये मरीज मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग के हैं। एक मरीज प्लास्टिक पैलेट बनाने वाली कंपनी में काम करता है और दूसरा बिना एसी या कूलर वाले घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर रहता है। उन्होंने कहा कि दूसरे मरीज का “शरीर का तापमान बहुत अधिक था।”
डॉक्टरों के अनुसार, हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर अपने बढ़ते तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता और शरीर को ठंडा रखने के लिए पसीना निकालने का मैकेनिज्म काम करना बंद कर देता है। वहीं, हीट एग्जॉशन ऐसी स्थिति है जब शरीर जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाता है, लेकिन पसीना निकलता रहता है।
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