इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : देश के सात प्रमुख शहरों में प्राइम लोकेशन पर नेशनल हेराल्ड की संपत्ति है। नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को लेकर ईडी आज चौथे दिन राहुल गांधी से पूछताछ कर रही है। नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों कटघरे में हैं। वहीं दूसरी ओर बचाव में पूरी कांग्रेस देश की सड़कों पर है। पूरा मामला नेशनल हेराल्ड की बेशकीमती संपत्तियों से जुड़ा हुआ है, जिसकी अनुमानित कीमत 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
नेशनल हेराल्ड की शुरूआत देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1938 में लखनऊ से की थी। इसका उद्देश्य देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराना था। इसके लिए एक कंपनी बनी थी, जिसका नाम था एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड एजेएल कंपनी। यह अंग्रेजी के नेशनल हेराल्ड के साथ हिंदी का नवजीवन और उर्दू का कौमी आवाज समाचार पत्र भी प्रकाशित करती थी।
आजादी के बाद नेशनल हेराल्ड का प्रभाव और प्रसार दोनों बढ़ा। जिसकी वजह से एजेएल कंपनी को सात शहरों के प्राइम लोकेशन पर भूखंड मिल गया। आज नेशनल हेराल्ड के इन भूखंडों पर कहीं बार चल रहा है तो कहीं मॉल खुल गया है। एक भूखंड तो कांग्रेसी नेता ने धोखे से बेच भी दिया है।
नेशनल हेराल्ड की पहली संपत्ति उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक केसरबाग क्षेत्र के ं मुख्य मार्ग पर अवस्थित है। इसके दो एकड़ की इस संपत्ति में दो बिल्डिंग हैं, जिसमें एक नेहरू भवन और दूसरा नेहरू मंजिल हैं। दोनों बिल्डिंग कुल 35,000 वर्ग फुट में बनाई गई हैं। नेहरू भवन में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय एवं रिसर्च सेंटर चलता है। दो मंजिला नेहरू मंजिल में वर्तमान में 207 दुकानें हैं।
जिनमें से ज्यादातर में ताला लगा हुआ है। एक में बीयर की दुकान है, जहां शाम होते ही मयखाना सज जाता है। अन्य दुकानों पर लगे बोर्ड वहां पर चल रहे अलग-अलग व्यवसायिक गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं। बिल्डिंग की देखरेख करने वाले संजीव कुमार ने बताया कि केवल दो दुकानों का किराया आता है। शेष दुकानों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए दिल्ली कार्यालस से संपर्क करने की सलाह दी है।
दिल्ली के बहादुरशाह जफर मार्ग पर आईटीओ के करीब पांच मंजिला हेराल्ड हाउस है। इसका कुल निर्मित क्षेत्रफल एक लाख वर्ग फुट है। इस भवन की अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसकी दो मंजिलों पर विदेश मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 से पासपोर्ट सेवा केंद्र संचालित किया जा रहा है।
दो अन्य मंजिलों पर टीसीएस कंपनी द्वारा पासपोर्ट आवेदनों की प्रोसेसिंग का काम किया जाता है। पांचवीं मंजिल यंग इडिया के प्रयोग के लिए खाली रखी गई है। इस बिल्डिंग से कुछ वर्ष पहले तक सात करोड़ रुपये सालाना का किराया मिलता था, जबकि इस संपत्ति का इस्तेमाल व्यापारिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता है।
मुंबई के बांद्रा में वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर भी नेशनल हेराल्ड को वर्ष 1983 में 3478 वर्ग मीटर का एक भूखंड प्राप्त हुआ था। मुंबई जैसे शहर के अनुसार यह काफी बड़ा भूखंड है, जिसे समाचार पत्रों के प्रकाशन और नेहरू लाइब्रेरी व रिसर्च सेंटर स्थापित करने के लिए दिया गया था। इसकी जगह यहां अब 11 मंजिला एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के रूप में होता है। एजेएल को यह भूखंड इस शर्त के साथ दिया गया था कि उसे तीन वर्ष के भीतर इस भूखंड से समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू करना होगा।
इसके विपरीत वर्ष 2014 में इस भूखंड पर निर्माण कार्य शुरू हुआ, वह भी कॉमर्शिलय कॉम्प्लेक्स का। मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल द्वारा पूर्व में मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार यहां 14 आॅफिस और 135 कारों की पार्किंग संचालित होती है। अनिल वर्ष 2013 से अब तक तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इसका आवंटन निरस्त करने के लिए पत्र लिख चुके हैं। इस भूखंड की अनुमानित कीमत 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
पटना के अदालतगंज में भी नेशनल हेराल्ड को एक एकड़ का भूखंड आवंटित हुआ था, जो अब तक खाली है। पिछले कुछ वर्षों में इस भूखंड पर अवैध कब्जा कर झुग्गियां बस चुकी हैं। जबकि कुछ हिस्से पर दुकानें बन चुकी हैं। इस भूखंड की अनुमानित कीमत 60 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसकी जगह एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) एग्जीबिसन रोड पर किराए की जगह से समाचार पत्रों का प्रकाशन करता रहा है।
नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को वर्ष 2005 में पंचकुला के सेक्टर-6 में 3,360 वर्ग मीटर का एक भूखंड आवंटित हुआ था। सबसे बाद में आवंटित ये भूखंड हरियाणा पुलिस मुख्यालय के पास है। वर्ष 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने के तुरंत बाद ये भूखंड आवंटित हुआ था। इस भूखंड पर एक चार मंजिला इमारत है, जो कुछ वर्ष पहले ही बनकर तैयार हुई है। इसकी वर्तमान कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है।
इंदौर का लाइफ लाइन माने जाने वाले एबी रोड पर भी नेशनल हेराल्ड को 22 हजार वर्ग फुट का एक भूखंड है। इसकी अनुमानित कीमत 25 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसी क्षेत्र में लोकमत, नई दुनिया, प्रभात किरण समेत कई समाचार पत्रों के आॅफिस भी हैं।
भोपाल के एमपी नगर में भी नेशनल हेराल्ड के नाम से भूखंड आवंटित था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक कांग्रेस नेता ने ही इस भूखंड को फर्जी तरीके से एक बिल्डर को बेच दिया था। उस बिल्डर ने इस पर एक बिल्डिंग खड़ी की और उसे विभिन्न लोगों को वाणिज्यिक और रिटेल प्रयोग के लिए बेच दिया। वर्तमान स्थिति में बिल्डिंग सहित भूखंड की अनुमानित कीमत 150 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
Also Read : ईडी की पूछताछ के बाद राहुल सर गंगाराम अस्पताल पहुंच मां सोनिया गांधी से की मुलाकात, प्रियंका भी रहीं मौजूद
India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार से विशेष…
India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली में फरीदाबाद जिले में…
India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Excise Policy Case: देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने…
India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Eating Non-Veg Foods: लंबे समय तक शाकाहारी रहने के बाद अचानक…
India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News: गंगा मां के किनारे बसा बनारस हो या पटना…
India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Home Remedies for Glowing Skin: एक सुंदर और निखरी त्वचा की…