उच्च न्यायालय ने खादी बाय हेरिटेज द्वारा खादी के नाम से बनाए जा रहे है पीपीई किट, हैंड सैनिटाइजर और फायरबॉल इत्यादि के बेचने पर रोक लगा दी है। अदालत का मानना है कि यह खादी ट्रेड मार्क का सरासर दुरुपयोग है। इस मामले में अदालत ने खादी बाय हेरिटेज को आरोपी मानते हुए उन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह का कहना है कि खादी का इस तरह के दुरुपयोग को अदालत में माफ नहीं किया जा सकता है। खादी बाय हेरिटेज ने खादी ग्रामोद्योग के चिन्ह और नाम, लोगो आदि का खुलेआम दुरुपयोग किया है। यह जानबूझकर किया गया है। आपको बता दें कि इस मामले में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने वैधानिक निकाय के रूप में चरखा लोगो के साथ खादी चिन्ह के पंजीकृत मालिक होने का दावा करते हुए मुकदमा दायर किया था।
मंगलवार के दिन उच्च न्यायालय ने कोविड टीकाकरण, बिस्तरों की कमी, अस्पतालों के स्वास्थ्य ढांचे, ऑक्सीजन की उपलब्धता और परीक्षण आदि को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई बंद करने का निर्णय लिया है। अदालत ने कहा, वर्तमान में सभी कुछ ठीक है और यदि किसी याची को परेशानी आती है तो वे अदालत आ सकते हैं।
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