India News Delhi (इंडिया न्यूज़), High Court Delhi: दिल्ली HC ने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह निर्णय दिया कि कोई भी निजी शैक्षणिक संस्थान दिव्यांग छात्रों को आरक्षण से वंचित नहीं कर सकता। यह फैसला एक 21 वर्षीय छात्र के मामले में सुनाया गया। न्यायमूर्ति सी हरीशंकर की पीठ ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) को निर्देश दिया कि बौद्धिक मंदता से पीड़ित छात्र को दिव्यांगता आरक्षण के तहत दाखिला दिया जाए।
इस मामले में, छात्र ने बीए-एलएलबी कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन किया था, लेकिन आईपीयू ने उसे कई कारणों से इनकार कर दिया था। छात्र की दिव्यांगता श्रेणी को लेकर संदेह उठा था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि छात्र बौद्धिक मंदता का शिकार नहीं है, इसलिए उसे दिव्यांगता आरक्षण के तहत दाखिले का आवेदन करने का हकदार है। इस तरह, हाईकोर्ट ने आईपीयू को छात्र को उन सभी लाभ प्रदान करने का आदेश दिया, जो दिव्यांग व्यक्तियों को अधिनियम-2016 के अंतर्गत मिलने चाहिए।
एक छात्र के दिव्यांगता प्रमाणपत्र पर सवाल उठाया गया था, लेकिन यूनिवर्सिटी की पीठ ने इसे अपीलीय प्राधिकरण के काम की तरह नहीं माना। छात्र का दिव्यांगता प्रमाणपत्र डॉक्टर बाबा साहेब अम्बेडकर हॉस्पिटल द्वारा जारी किया गया था, जिस पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। छात्र ने अपने 12 साल सात महीने की उम्र में मानसिक परीक्षण मनोचिकित्सक से कराया था, और मनोचिकित्सक ने उन्हें हल्की मानसिक मंदता का प्रमाण दिया था। इसके बाद छात्र को मानसिक मंदता का प्रमाणपत्र जारी किया गया था।
दिव्यांग छात्रों के लिए आगे की शिक्षा के माध्यम में समानता सुनिश्चित करने के लिए, सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों में पांच फीसदी का आरक्षण तय किया गया है। इस आरक्षण को अधिनियम 2016 के अनुसार लागू किया गया है, जिससे हर छात्र को समान अवसर मिल सके। उच्च न्यायालय ने इस आदेश के तहत सरकारी और निजी संस्थानों को यह नियम पालन करने का आदेश दिया है।
एक अधिवक्ता ने अपने बेटे के लिए विश्वविद्यालय में बीए-एलएलबी कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन किया था, लेकिन छात्र की दिव्यांगता से जुड़ी छूट के संबंध में संस्थान ने इसे अस्वीकार कर दिया। छात्र की पिता ने याचिका में बताया कि छात्र को बौद्धिक रूप से मंद मानकर, वे ने उसे पांच वर्षीय कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन किया था। यहां तक कि छात्र की चिकित्सा रिपोर्ट भी उनके प्रदर्शन के लिए प्रशंसाकर है, जोकि उसने सीबीएसई बोर्ड के 12वीं कक्षा में उर्तीण किया है।
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