India News Delhi (इंडिया न्यूज़), High Court: दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सभी 22 प्रमुख नालों की सफाई और रखरखाव की जिम्मेदारी बाढ़ एवं सिचाई नियंत्रण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है। दिल्ली के शहरी विकास विभाग के जारी एक आदेश के तहत इन नालों की सफाई कि जिम्मेदारी का कार्य 31 मई तक पूरा किया जाना है।
हम आपको बता दें कि अभी तक इन नालों की सफाई के लिए MCD, NDMC, बाढ़ एवं नियंत्रण विभाग, उत्तर प्रदेश सिंचाई नियंत्रण विभाग के पास थी। कई एजेंसियों के बीच जिम्मेदारी के विभाजन के कारण, नालों की सफाई में समयबद्धता की समस्या उत्पन्न हो गई थी। इस तंत्र में सुधार करने के लिए, दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि एक ही एजेंसी को नालों की सफाई की जिम्मेदारी सौंपी जाए। इससे एजेंसियों के बीच आपसी आरोप-प्रत्यारोप की समस्या से निपटने में सुधार हो सकता है।
दिल्ली के शहरी विकास विभाग के द्वारा नालों की सफाई का काम 31 मई तक पूरा करने का आदेश दिया गया है। इस साल की व्यवस्था नालों की सफाई का काम जारी रखेगी, लेकिन आने वाले साल से यह जिम्मेदारी बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग को सौंपी जाएगी। इसके साथ ही, जो एजेंसी इन नालों की सफाई के लिए काम कर रही है, वह अपनी प्रक्रिया जारी रखेगी।
हाई कोर्ट ने पिछले वर्ष 2023 में दिल्ली में बाढ़ और जलभराव के मामले को खुद से संभाला था था। इसके बाद, दिल्ली के मुख्य सचिव को 30 अप्रैल से हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार यमुना में गिरते 22 प्रमुख खुले नालों की सफाई के लिए एक ही एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने का आदेश दिया गया था। अब दिल्ली के 22 नालों में से 14 नालों की सफाई की जिम्मेदारी MCD के पास है, जबकि तीन नाले बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग के अधीन हैं। तीन नाले एमसीडी और एनडीएमसी की संयुक्त सीमा में हैं, और एक नाला उत्तर प्रदेश सिंचाई नियंत्रण विभाग के पास है। एक नाला एमसीडी और बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग के संयुक्त अधिकार क्षेत्र में है।
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