इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस चौकी पर हमला करने व पुलिस अधिकारियों पर अवैध हथियार से गोली चलाने के आरोपित नावेद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस चौकी पर हमला अस्वीकार्य है। न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा कि पुलिस चौकी वह जगह है जहां लोग अपने विवाद की शिकायत दर्ज कराने जाते हैं। पुलिसकर्मी अपना काम कर रहे थे और दो पक्षों के बीच हुए विवाद का मामला सुलझाने के बजाए याचिकाकर्ता व उसके सहयोगियों ने पुलिस पर लाठी-डंडा हमला शुरू करते हुए पथराव भी किया। जो कानून के नियमों के विरूद्ध है।
कोर्ट ने कहा कि आरोपित याची के दोबारा ऐसे अपराध में शामिल होने या जमानत मिलने पर फरार होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं चौकी इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर पंकज तेहरान आरोपित के निशाने पर थे और उन्हें इस घटना में चोटें भी आई हैं। कोर्ट ने कहा कि पुलिस चौकी वह जगह नहीं है जहां सरकारी कर्मचारियों पर बंदूक, लाठी से हमला किया जाए। जबकि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया था कि जून 2020 में पुलिस थाना सराय रोहिल्ला में उसे झूठे और मनगढ़ंत मामले में गिरफ्तार किया था।
वहीं, अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि याचिकाकर्ता नावेद के हाथ में पिस्तौल थी और उसने हमला किया था। आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने एक बार इन सभी को बाहर कर दिया, लेकिन उन्होंने दोबारा वापस आकर चौकी पर पथराव व हमला शुरू कर दिया। इसी बीच याचिकाकर्ता ने अपनी पिस्टल से फायरिंग की और उसके निशाने पर चौकी इंचार्ज थे। पीठ ने उक्त तथ्यों के आधार पर जमानत याचिका खारिज कर दी तथा कहा की ऐसे संगीन मामले में जमानत नहीं दी जा सकती।
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