इंडिया न्यूज, Delhi crime news : दिल्ली हाई कोर्ट ने पोंजी स्कीम के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने के मामले में पर्ल्स गोल्डन फारेस्ट (पीजीएच) लिमिटेड व पर्ल एग्रोटेक कापोर्रेशन लिमिटेड (पीएसीएल) के निदेशक समेत छह आरोपितों को जमानत दे दी है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों पर पीजीएफ-पीएसीएल द्वारा अपने निवेशकों से जुटाए गए फंड को डायवर्ट करने का आरोप है।
कोर्ट ने निजी मुचलके व दो जमानती पर दे दी जमानत
न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने एआरएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के चेयरमैन सुभाष अग्रवाल और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अग्रवाल, पर्ल्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के निदेशक मोहन लाल सहजपाल, जैन इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जैन समेत दो अन्य प्रवीण कुमार अग्रवाल और आकाश अग्रवाल को तीस-तीस लाख रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि के दो जमानती पर जमानत दे दी। पीठ ने बताया कि सीबीआई ने मामले में कुल 447 गवाह बनाए हैं और 769 दस्तावेजों की सूची तैयार की है।
मुकदमें में लगेगा लंबा समय
मुकदमे में लंबा समय लगेगा, ऐसे में आरोपित को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है। हालांकि, पीठ ने आरोपितों को निर्देश दिया कि अदालत की पूर्व अनुमति के बिना वे देश नहीं छोड़ेंगे और सभी अपना पासपोर्ट सरेंडर कराएं। सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपितों ने निवेशकों से पोंजी स्कीम की आड़ में गाढ़ी कमाई ठगी है।