इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Holika Dahan Completed : होली त्योहार मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। जहां ओर लोग रंग और गुलाल की खरीद में व्यस्त हैं तो प्रवासी कामगार अपने गृहजिलों में जाकर होली मनाने के लिए निकल पड़े हैं। लम्बे कोरोना काल के बाद आज राजधानी दिल्ली में विभिन्न इलाकों में शुभ मुहुर्त के साथ होलिका दहन सम्पन्न हुआ। इस बीच हिंदुओं का सबसे लोकप्रिय त्योहार होली शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में मनाया जाएगा। रंगों के इस त्योहार से पहले होली में बृहस्पतिवार शाम को देशभर में होलिका दहन किया गया।
होली त्योहार से पहले होलिका दहन का विशेष महत्व है। माह भर पहले से ही सार्वजनिक स्थानों पर होलिका रखी जाने लगी थी। लोग लकड़ियों के साथ ही गोकाष्ठ लाकर रख रहे थे। बृहस्पतिवार को होलिका जलाई गई। होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त बेहद जरूरी है। यहां पर यह बताना जरूरी है कि होलिका दहन का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के अनन्य भक्त प्रहलाद को उसके पिता हिरण्यकश्यप ने होलिका की गोद में बैठाकर जिंदा जलाने की कोशिश की थी। होलिका दरअसल, प्रहलाद की बुआ थी। बुआ होलिका अपने भतीजे प्रह्लाल दो बैठी तो लेकिन इस दौरान होलिका खुद ही जल कर खत्म हो गई थी। इसके बाद से होलिका दहन के अगले दिन होली खेलने की परंपरा मानी जाता है।
दिल्ली में चांदनी चैक स्थित श्रीसत्यनारायण मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रमेश चंद शर्मा ने बताया कि वैसे तो बृहस्पतिवार को दोपहर 1.31 मिनट से भद्रकाल शुरू हुआ जो रात्रि 1.13 तक रहा, जिसमें शुभ कार्य नहीं होते हैं। इस तरह की असमंजस वाली स्थिति में धर्म सिंधु के अनुसार तब मुखकाल की जगह पूछकाल के हिसाब से गणना की जाती है।
उसके अनुसार बृहस्पतिवार को शाम 6.30 से 8 बजे तक तथा रात्रि 9.08 से 10.08 होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रहा। उन्होंने कहा कि जब होलिका जल जाती है तो उसके अगले दिन ही होली पड़ती है। ऐसे में होली शुक्रवार को ही मनाई जाएगी। होलिका दहन के दौरान पूजा भी करनी चाहिए। इतना ही नहीं, पूजा करने से पूर्व होलिका दहन स्थल से पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। पूजा सामग्री के रूप में तांबे के एक लोटे में जल के साथ रोली, चावल, गंध, फूल, कच्चा सूत, बताशे-गुड़, साबुत हल्दी, गुलाल, नारियल और माला जरूर हो।
इसके बाद होलिका में गोबर से बने खिलौने व माला भी रखें। पूजा के दौरान मनभटकाव नहीं होना चाहिए। वहीं, होली खेलने के दौरान लोगों को केमिकल रंगों से परहेज करने की सलाह दी गई है। लोगों से अपील भी की गई है कि वे होली को सादगी के साथ मनाएं, क्योंकि कैमिकल युक्त रंगों से त्वचा को नुकसान होता है और कभी-कभार लंबे समय तक परेशानी रहती है। (Holika Dahan Completed)
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