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बिना ई-ऑटो के कैसे लागू होगी सरकार की परिवर्तन योजना!

• LAST UPDATED : May 17, 2022

इंडिया न्यूज, गुरुग्राम न्यूज। शहर के पर्यावरण प्रदूषण में सुधार करने के लिए भले ही सरकार ने परिवर्तन योजना के माध्यम से यहां ई-ऑटो चलाने की तैयार की हो, लेकिन एजेंसियों में ई-ऑटो नहीं होने के चलते यह योजना लागू नहीं हो पा रही है।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गुरुग्राम से की जा रही है पहल

प्रदेश सरकार ने हरियाणा में पर्यावरण प्रदूषण को सुधार के लिए बड़ा कदम डीजल ऑटो बंद करके ई-ऑटो चलाने का उठाया है। इस प्रोजेक्ट को परिवर्तन योजना नाम दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस कार्य के लिए गुरुग्राम से पहल की जा रही है। गुरुग्राम में 16 अगस्त 2021 को परिवर्तन प्रोजेक्ट की मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लांचिंग की थी। इसके बाद इस कार्य में एक तरह से क्रांति लाने के लिए नगर निगम की ओर से भी बड़े-बड़े दावे किए गए। अब लगता है यह परिवर्तन योजना शुरूआत में ही दम तोड़ रही है।

पुराने डीजल ऑटो की जगह ई-ऑटो की शुरूआत का पहल

एक अप्रैल 2022 से गुरुग्राम शहर में 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल से संचालित वाहनों पर प्रतिबंध के साथ ही पुराने डीजल ऑटो की जगह ई-ऑटो की शुरूआत होनी तय की गई थी। 28 मार्च 2022 तक ई-आॅटो के लिए नगर निगम के पास आए 450 ऑटो खरीदारों के आवेदन तो आए, लेकिन एक भी ई-ऑटो उपलब्ध नहीं हो सका। क्योंकि ऑटो निर्माता कंपनियों के पास ई-ऑटो थे ही नहीं। हालात अभी तक भी ऐसे हैं। गुरुग्राम में आप्पे, बैक्सी, महेंद्रा, सारथी, विक्ट्री, सुप्रीम, मयूरी समेत करीब एक दर्जन ऑटो निमार्ता कंपनियां ऑटो बेचती हैं।

मार्च में लगाया था दो दिन का मेला

प्रोजेक्ट परिवर्तन को लेकर कई बार नगर निगम, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण और पुलिस के अधिकारियों के साथ ऑटो चालक यूनियन की बैठकें हो चुकी हैं। मार्च 2022 में नगर निगम के सेक्टर-42 कार्यालय में ऑटो चालकों को लोन की सुविधा दिलाने और जागरुक करने के लिए दो दिन का मेला भी लगाया था। ई-ऑटो खरीदने के लिए अब तक करीब 500 ऑटो चालकों ने आवेदन किया है, लेकिन ई-ऑटो की अभी डिलीवरी नहीं हो रही।

एजेेंसियों में नहीं हैं ऑटो : योगेश शर्मा

हरियाणा आटो चालक संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश शर्मा का कहना है कि अभी तक यहां ई-ऑटो नहीं आए हैं। ऑटो चालकों पर बार-बार दबाव बनाया जाता है कि वे डीजल ऑटो बेचकर ई-ऑटो लें। ऑटो चालक पुराने ऑटो की जगह इलेक्ट्रिक ऑटो लेने के लिए तो तैयार हैं, लेकिन ऑटो है कहां। कुछ कंपनियों ने ई-रिक्शा को ही ई-ऑटो बताकर बेचने की योजना बनाई है, जो कि किसी भी सूरत में कामयाब नहीं हो सकती। लंबे रूट पर ई-रिक्शा कामयाब नहीं हैं। यह शहर में ही चलाई जा सकती है। शहर के बाहर जाने को तो ई-ऑटो ही चाहिए, जो कि है नहीं। अभी चार्जिंग स्टेशन भी कम हैं। योगेश शर्मा का कहना है कि डीजल ऑटो को पुलिस ने जब्त करना शुरू कर दिया है।

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