India news (इंडिया न्यूज),Delhi News: दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने छात्रों का बोझ और तनाव को देखते हुए मध्य सेमेस्टर परीक्षाओं का एक सेट हटाने का फैसला लिया। यह फैसला छात्रों की आत्महत्या के कई मामलों की पृष्ठभूमि को देखते हुए लिया गया है।
आइआइटी के छात्रों की आए दिन आत्महत्या कि घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो इस बात को लेकर बहस छेड़ दी थी कि क्या पाठयक्रम और कठिन अध्ययन कार्यक्रम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। जिसके बाद से IIT Delhi ने अपनी इवोल्यूशन सिस्टम में सुधार किया है।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, आइआइटी दिल्ली के निदेशक रंगन बनर्जी ने जानकारी साझा कि “पहले आईआईटी एक सेमेस्टर की परीक्षाओं में दो सेट का इस्तेमाल करते रहे हैं, हर सेमेस्टर के अंत में अंतिम परीक्षा व कई सतत मूल्यांकन प्रणालियाँ थीं”। साथ ही बताया कि “हमने एक आंतरित सर्वेक्षण कराया व सभी विद्यार्थियों तथा संकाय से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर, हमने परीक्षाओं के एक सेट को छोड़ने का फैसला किया है। इसलिए अब नियमित मूल्यांकन के अलावा परीक्षाओं के दो सेट होंगे हमने महसूस किया कि परीक्षा कार्यक्रम बहुत अधिक बोझिल था। इसलिए छात्रों का बोझ, तनाव कम करने का फैसला किया”। आपको बता दें कि इस फैसले को सीनेट की मंजूरी मिल गया है व इसे आगे के चालू सेमेस्टर में लागू किया जाएगा। दोनों परीक्षाओं के लिए अधिकतम 80 प्रतिशत अधिभार की सीमा निर्धारित की गई है।
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