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मैनें राजनीति छोड़ दी समाजनीति कर रहा हूं : नवीन जयहिंद

• LAST UPDATED : May 20, 2022

इंडिया न्यूज, गुरुग्राम। आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रहे नवीन जयहिंद ने बताया कि उन्होंने राजनीति छोड़ दी है और वे सिर्फ समाजनीति कर रहे हैं। वह समाज के हित में काम कर रहे हैं। उन्होंने सर्व समाज के युवाओं को आह्वान किया कि वे अपने समाज के लिए आवाज उठाएं, नहीं तो सत्तासीन दल हमें आगे नहीं बढ़ने देंगे। उक्त बातें उन्होंने शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा।

13 साल पुराना है यह विवाद

नवीन जयहिंद ने रोहतक के गांव पहरावर में भगवान परशुराम का मंदिर, स्कूल, अस्पताल बनाने वाली जगह पर उठ रहे विवाद के बारे में कहा कि यह 16 एकड़ जमीन का मामला है। यह विवाद 13 साल पुराना (वर्ष 2009)है। इस जमीन की कीमत 200 करोड़ रुपये है। सरकार ने इस जमीन का 8.86 करोड़ रुपये डेवेलपमेंट चार्ज का पत्र भेजा है, जो पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने कहा कि हम 8.86 करोड़ क्या आठ आने भी नहीं देंगे। सरकार अगर 22 तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं करती है तो ऐलान-ए-जंग होगा। उन्होंने आगे कहा कि पूरे हरियाणा से एक हजार एक ब्राह्मण प्रतिनिधि वहां फरसा लेकर पहुंचेंगे। हर बिरादरी से अपील है कि एक ईंट व एक फरसा अपने साथ लेकर आएं।

परशुराम जयंती पर सांसदों तथा विधायकों को न्यौता

नवीन जयहिंद ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल, उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा प्रदेश के सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसदों तथा विधायकों को 22 मई को पहरावर में होने वाली परशुराम जयंती में पहुंचने का न्यौता दिया है। उन्होंने कहा कि जो आकर उनके मांग का समर्थन करेंगे वे उनका सम्मान करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल परशुराम जयंती समारोह में ब्राह्मणों की जमीन वापसी का पत्र लेकर आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उनका जयंती में आने का कोई औचित्य नहीं है।

नेता व पार्टियां ब्राह्मणों को वोट बैंक समझना करें बंद

जयहिन्द ने कहा कि वह जमीन पहरावर (ब्राह्मणों का गांव) की जमीन थी, जो कि गौड़ संस्था को स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल बनाने के लिए दी गयी थी। सरकार द्वारा उस जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इस मामले को लेकर कुछ फीस भी ब्राह्मण समाज सरकार से जमा करवा चुके है। अब वह ब्राह्मणों की जमीन को वापस ब्राह्मणों को देने के लिए ब्राह्मणों से ही आठ करोड़ रुपये मांगें जा रहे हैं। जो कि अनुचित है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी नेता व पार्टियां ब्राह्मणों को सिर्फ वोट बैंक समझना बंद करें। अब पहले की तरह खीर खाने वाले ब्राह्मण नहीं है। अब ब्राह्मण अपने हक को पाने के लिए सक्रिय हो चुका है। उन्होंने बेरोजगारी की भी लड़ाई लड़ने की बात कही।

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