India News (इंडिया न्यूज़) : ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एस मुरलीधर ने कहा है कि उन्हें मालूम नहीं है कि 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर उन्होंने जो आदेश जारी किया था, उससे केंद्र सरकार क्यों नाराज हो गई। इसके आगे उन्होंने कहा है कि मैंने जो आदेश दिया, मेरी जगह कोई भी दूसरा जज होता तो यही आदेश देता।
बता दें, दिल्ली दंगों के समय जस्टिस मुरलीधर दिल्ली हाईकोर्ट में जज थे। तब उन्होंने दिल्ली में हुए दंगों में भड़काऊ बयान देने वाले तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने में देरी पर नाराजगी व्यक्त की थी। वो तीन नेता थे- अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और कपिल मिश्रा। उस समय जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि 24 घंटे के अंदर FIR दर्ज करने का फैसला लें।
दरअसल, बेंगलुरु में आयोजित एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल के कॉन्क्लेव में जस्टिस मुरलीधर से पूछा गया कि ऐसी चर्चाएं हैं कि अपने आदेश से आपने सरकार को नाराज किया और इसलिए आपको सुप्रीम कोर्ट का जज बनने का मौका नहीं मिला?
इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘इसमें नाराज होने वाली क्या बात थी, इसे लेकर मैं भी उतना अनजान हूं, जितना आप हैं। मेरे पास कहने को और कुछ भी नहीं है। और इससे ज्यादा किसी बात से फर्क भी नहीं पड़ता है क्योंकि कई लोगों को लगा था कि मैंने जो किया वही सही था। बल्कि मुझे बाद में जानकारी दी गई कि मामले में कोर्ट के दखल देने के बाद कई जिंदगियां बचाई जा सकी थीं।’
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