Friday, July 5, 2024
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'दफ्तर की लेडी से है चक्कर', पत्नी के ये आरोप लगाने पर हाईकोर्ट का फैसला आया, जानिए क्या बोली कोर्ट

India News ( इंडिया न्यूज), Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में पति-पत्नी के विवाद में एक अनोखा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी महिला का अपने पति पर यह इल्जाम लगाना कि ऑफिस की महिला संग उसके चक्कर है, एक तरह की मानसिक क्रूरता है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि अगर कोई महिला अपने पति की मर्दानगी के बारे में आरोप लगाती है, उसे नपुंसक कहती है और नपुंसकता जांच के लिए मजबूर करती है, तो यह भी मानसिक क्रूरता है।

मामले में HC ने कहा

जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने कहा कि एक पत्नी द्वारा अपने पति की ‘मर्दानगी’ के बारे में इल्जाम लगाना बेहद निराशाजनक और मानसिक रूप से पीड़ादाई हो सकता है। पीठ ने फैसले में आगे यह भी कहा कि दहेज की मांग का आरोप लगाना, विवाहेतर संबंधों के आरोपों के साथ-साथ पति को नपुंसकता परीक्षण से गुजरने के लिए मजबूर करना और उसे महिलावादी कहना मानसिक पीड़ा और आघात पैदा करने के लिए काफी हैं।

पति पर निराधार आरोप लगाना काफी दर्दनाक -HC

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि अपीलकर्ता (पत्नी) की स्वीकारोक्ति से यह स्पस्ट होता है कि प्रतिवादी को नपुंसकता परीक्षण से गुजरना पड़ा, जिसमें वह फिट पाया गया। यह स्पष्ट रूप से, किसी व्यक्ति की मर्दानगी के बारे में ऐसे दावे और आरोप न केवल निराशाजनक हैं बल्कि किसी भी व्यक्ति के लिए इसे स्वीकार करना मानसिक रूप से काफी दर्दनाक भी है।”

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी परिणाम निकाला कि पति के विरुद्ध पत्नी का आरोप लापरवाहीभरा, अपमानजनक, और निराधार था, और वह सार्वजनिक तौर पर जीवनसाथी की छवि को खराब करने वाला और अत्यधिक क्रूरता वाली घटना है।

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