India News(इंडिया न्यूज़), Rahul Gandhi : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका का बुधवार को निपटारा कर दिया। कोर्ट ने राहुल गांधी, पुलिस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ की दलीलों पर विचार करने के बाद इस याचिका का निपटारा कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को बताया कि एक कथित बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले ट्वीट को लेकर 2021 में राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इस संबंध में जांच अभी भी जारी है। बता दें, बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए के तहत अपराध है और इसके लिए 2 साल तक की कैद और जुर्माना भी हो सकता है।
राहुल गांधी के वकील ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ को बताया कि उन्होंने उस ट्वीट को हटा दिया है जिसमें कथित तौर पर बलात्कार और हत्या की शिकार नाबालिग दलित लड़की की पहचान का खुलासा किया गया था। था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) के वकील ने कोर्ट के सामने पुष्टि की कि राहुल गांधी ने खुद ही ट्वीट हटा दिया था।
अदालत सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हादलेकर द्वारा दायर 2021 याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने मांग की कि ‘एक्स’ पर अपने माता-पिता के साथ लड़की की तस्वीर पोस्ट करके उसकी पहचान उजागर करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। विभिन्न पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि वह याचिका में किए गए अनुरोधों से संतुष्ट है और याचिका का निपटारा कर दिया।
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