इंडिया न्यूज, नई दिल्ली Mundka Fire : मुंडका अग्निकांड में बड़ी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। अगर लापरवाही न की गई होती तो कई लोगों की जान बच सकती थी। इस लापरवाही की वजह से उक्त चार मंजिला इमारत में 27 लोग जिंदा जलकर राख हो गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आग लगने के 40 मिनट बाद घटना की जानकारी अग्निशमन विभाग को दी गई।
मामले की जानकारी मिलने के बाद भी दमकल की पहली गाड़ी को मौके पर पहुंचने में 18 मिनट के समय लग गए। घटना स्थल पर एक घंटे बाद इमारत में लगी आग को बुझाने का काम शुरू हुुआ। एक घंटे में आग इमारत के चारों मंजिल तक पूरी तरह फैल चुकी थी। इस तरह इमारत में फंसे अधिकतर लोगों की मौत हो जाने पर बचाव कार्य शुरू हो पाया।
अगर समय पर आग लगने की सूचना अग्निशमन विभाग को दी गई होती तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन लापरवाही की वजह से इस घटना ने भयावह रूप लिया और देखते ही देखते 27 लोगों की जान चली गई। इस घटना ने संबंधित कई विभागों के लापरवाही की भी पोल खोलकर रख दी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर इमारत में फंसे लोगों व आसपास के लोगों ने अग्निशमन विभाग को समय पर सूचना नहीं दी तो क्या तब तक मुंडका के स्थानीय थाना पुलिस को भी घटना की भनक नहीं लग पाई। अगर पुलिस भी समय पर पहुंच गई होती तब भी वह समय पर अग्निशमन विभाग को सूचना देकर इस भयावह घटना को टाल सकती थी।
वहीं दमकल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आग लगने की सूचना उन्हें शाम 4 बजकर 40 मिनट पर मिला। इसके बाद नजदीक दो दमकल केंद्रों टीकरी बार्डर व उद्योग नगर से मौके पर गाड़ियां भेजी। उद्योग नगर से चली गाड़ी को जाम का सामना करना पड़ा, जबकि टीकरी बार्डर से चली गाड़ी को मौके पर पहुंचने में 18 मिनट का समय लग गया। टीकरी से चलने वाली गाड़ी को भी रास्ते में काफी जाम मिला।
दमकल अधिकारी के अनुसार मौके पर जब दमकल की पहली गाड़ी पहुंची तब तक आग पूरी इमारत में फैल चुकी थी। जांच में यह भी पता चला है कि जब आग लगी तो पहले दमकल को सूचना नहीं दी गई और स्थानीय लोगों ने खुद ही आग बुझाने का काम शुरू कर दिया था। लेकिन वे आग पर काबू नहीं पा पाए।
आग लगने के दौरान इमारत में मौजूद लोग बाहर निकलने के लिए कई लोगों को फोन भी किया लेकिन कोई सहायता नहीं मिल पाया। वहीं दूसरी ओर आग तेजी से फैलती चली गई। जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तब दमकल को घटना की सूचना दी गई। हालांकि पुलिस अधिकारी आग लगने के स्पष्ट समय की जानकारी जानने के लिए हादसे के समय इमारत में मौजूद रहे लोगों के मोबाइल काल का डिटेल खंगाली रहे हैं। ताकि यह पता चल सके है कि इमारत में मौजूद लोगों ने आग लगने की जानकारी किसको और कितने बजे दी और आग की जानकारी मिलने पर लोगों ने क्या किया।
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