India News(इंडिया न्यूज़)IIT Delhi News: आईआईटी में एडमिशन हो जाना स्टूडेंट्स के लिए ख्वाब के सच होने की तरह है, लेकिन 5 बरसों में 8,139 स्टूडेंट्स ने बीच में ही IIT से अपनी पढ़ाई छोड़ दी। आए दिन देश के अलग-अलग आईआईटी में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की सुसाइड की ख़बरें आ रही हैं। आईआईटी कैंपस में एडमिशन हो जाने के बाद भी किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है स्टूडेंट्स को? किस तरह की लाइफ है आईआईटी स्टूडेंट्स की?
आईआईटी में एडमिशन हो जाना स्टूडेंट्स के लिए ख्वाब के सच होने की तरह है, कैंपस में चर्चा तेज़ रहती है की पता नहीं क्या होगा। कई बड़ी कंपनियां कई बार नहीं आती हैं। यहां फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स सिर्फ प्लेसमेंट के प्रेशर में होते है ।आईआईटी में एक बार आ जाने के बाद पूरी लड़ाई प्लेसमेंट के लिए होती है, और प्लेसमेंट ठीक नहीं होता, तो बहुत दुख होता है। ऐसे में जब पता चलता है कि हमारे साथ वाले को इतनी बड़ी कंपनी में इतने लाख का पैकेज मिला और अपने हाथ में कुछ नहीं है, तो दुख बहुत होता है।
आईआईटी में एडमिशन मिल जाने के बाद पैरेंट्स से लेकर स्टूडेंट्स तक का सोसाइटी में मान-सम्मान बढ़ जाता है। इसके साथ ही पेरेंट्स और रिश्तेदारों की उम्मीदें भी। लोगों को लगता है कि आईआईटी में पहुंचते ही करोड़ों का पैकेज फिक्स है। लेकिन, रियलटी इससे बिल्कुल अलग है। गिने-चुने, एक या दो स्टूडेंट्स को करोड़ों का पैकेज मिलता है।मीडिया में ख़बरें आती है कि स्टूडेंट को मिला इतने करोड़ का पैकेज। इसके बाद लोग समझते हैं कि आईआईटी में पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट्स का इतने ही पैकेज के साथ प्लेसमेंट होता होगा। लेकिन, सचाई तो यह है कि आईआईटी में औसत प्लेसमेंट पैकेज 12 से 15 लाख का ही होता है।
साल 2008 में जब मंदी आई थी, तो इसका काफी बुरा असर कानपुर आईआईटी पर भी पड़ा था। लोग बताते हैं कि इस कैंपस में इतनी सुसाइड केस हुए कि हॉस्टल के कमरों से पंखे हटा लिए गए थे। सभी कमरों में पंखों की जगह कूलर लगाए गए थे। आईआईटी में एक बार आ जाने के बाद पूरी लड़ाई प्लेसमेंट के लिए होती है। प्लेसमेंट सीजन में कोई खुश नहीं रहता।