आज समाज नेटवर्क।
नई दिल्ली। In Tihar Jail Complex Update सघन आबादी के बीच में तिहाड़ जेल परिसर होने के बावजूद बाहर से जेलों में नशीला पदार्थ फेंकने का मामला आए दिन सामने आता रहता है। इसपर रोकथाम के लिए जेल प्रशासन कभी सीसीटीवी कैमरे लगाता है तो कभी चारदीवारी के आसपास सुरक्षाकर्मियों के गश्त बढ़ाने की बात करता है। लेकिन अब जेल प्रशासन ने जेल में जाल लगाने का फैसला किया है। हालांकि, यह कितना कारगर होगा वह आनेवाला समय ही बताएगा।
तिहाड़ की जेल में जाल लगाने की योजना In Tihar Jail Complex Update
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अब तिहाड़ की जेल संख्या एक, तीन, चार व आठ-नौ में भी जाल लगाने की योजना बनाई गई है। जाल लगने के बाद जेल परिसर में बाहर से नशीला पदार्थ नहीं फेंका जा सकेगा। इस योजना को पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर अंजाम दिया जाएगा। अभी इसको लेकर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। जेल अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़ के बाद मंडोली व रोहिणी जेल में भी यह कार्य किया जाएगा क्योंकि वहां पर भी बाहर से नशीला पदार्थ फेंकने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
जेल अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा जेल परिसर में कैदियों को नशे की लत से मुक्ति के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जेल प्रशासन का दावा है कि पिछले तीन वर्ष में 12 हजार कैदियों को नशे की लत से मुक्ति मिल गई है। इसके लिए जेल संख्या तीन में नशा मुक्ति केंद्र कार्य कर रहा है। जेल सूत्रों का कहना है कि कैदियों की काउंसिलिंग के दौरान जब यह पता चलता है कि कैदी को नशे की लत है तो उसे नशा मुक्ति केंद्र लाया जाता है।
स्वास्थ्य जांच के बाद उसका उपचार किया जाता है। इस दौरान दवा से अधिक कैदियों को काउंसलर की सलाह व कैदी की अपनी इच्छाशक्ति का फायदा पहुंचता है। केंद्र में नशे के आदी किसी भी कैदी के लिए उपचार के पहले एक सप्ताह की अवधि काफी चुनौती से भरी होती है। नशा उपलब्ध नहीं होने के कारण कई कैदी हिंसक व्यवहार करने लगते हैं। लेकिन धीरे धीरे वे लत से मुक्त हो ही जाते हैं।