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दिल्ली विधयकों की आय में जल्द बढ़ोतरी, 50000 से बढ़ाकर 90000 दिए जाने वाले है

• LAST UPDATED : May 6, 2022

इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :

राजधाजी में विधायकों की आय में जल्द बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल, केंद्र सरकार ने विधायकों की आय में बढ़ोतरी देने की अपनी मंजूरी दे दी है। और विधायकों को सभी भत्ते मिलने के बाद 54 हजार रुपये प्रति महीनें दिये जाते है। जबकि बढ़ोतरी के बाद विधायकों को हर एक महीने 90 हजार रुपये मिलने लगेंगे।

2015 में यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भी भेजा

Increase in the income of Delhi MLAs soon

सभी विधायकों को अभी सामान्य आय 12000 रुपये हर माह को दी जाती है और अब यह बढ़कर 20 हजार हो जाएगी। जबकि भत्तों को जोड़कर आय 54 हजार से उपर होकर 90 हजार रुपये बढ़ जाने वाली है। इससे पहले राजधानी सरकार ने साल 2015 में यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भी भेजा था। लेकिन तब उन्हें इसकी अनुमती नहीं मिली थी। राजधानी विधानसभा अध्यक्ष ने कहा थ कि केंद्र की तरफ से जो भी प्रस्ताव आया है उसमें बहुत काट छांट हुई है।

विधायकों की आय में बढ़ोतरी का बिल लाया जाएगा

Increase in the income of Delhi MLAs soon

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया हैं कि पिछली बार विधायकों की आय 2011 में बढ़ा दी गई थी। लेकिन 11 साल के बाद इतनी कम आस में बढ़ोतरी उपयुक्त नहीं रहती है। वे कहते है की राजधानी में भी विधायकों को अन्य सभी राज्यों के बराबर ही आय और भत्ते मिलने चाहिए। बताया जा रहा कि है कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद अब राजधानी विधानसभा में अगले ही सत्र में विधायकों की आय में बढ़ोतरी का बिल लाया जाएगा।

दिल्ली कैबिनेट ने अगस्त 2021 में इस पर मुहर लगाई

दिल्ली विधयकों की आय में जल्द बढ़ोतरी

इससे पहले भी 2015 के चलते राजधानी सरकार ने विधायकों के आय को बढ़ाने का कानून दिल्ली विधानसभा से पास करके केंद्र सरकार को भेजा था, जिसको केंद्र सरकार द्वाया अस्वीकार कर दिया गसा था तब केंद्र सरकार ने विधायकों की आय और भत्ता के मामले में कुछ सुझाव भी दिए थे। इसके बाद अब इन्हीं के आधार पर दिल्ली कैबिनेट ने अगस्त 2021 में इस पर मुहर लगाई थी और प्रस्ताव दोबारा केंद्र को भेजा था। अब केंद्र से इसे मंजूरी मिल गई है।

10 अलग-अलग राज्यों में विधायकों का वेतन भत्ता :

1. उत्तराखंड – 1.98 लाख
2. हरियाणा- 1.55 लाख
3. हिमाचल प्रदेश – 1.90 लाख
4. राजस्थान- 1,42,500
5. बिहार – 1.30 लाख
6. तेलंगाना- 2,50,000
7. उत्तर प्रदेश- 95,000
8. आंध्र प्रदेश- 1,25,000
9. गुजरात- 1,05,000
10. दिल्ली- 90,000

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