इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
दिल्ली में गुरुवार को बिहार इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य बिहार में निवेशकों को आकर्षित व आमंत्रित करना है। इसका आयोजन दिल्ली के होटल ताज मान सिंह में किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन मेजबानी करते दिखे। उनके साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद हैं। बिहार को यह उम्मीद है कि इस मीट के जरिए निवेशकों को आमंत्रित करने में मदद मिलेगी। राज्य में सात दिनों में उद्योग के प्रस्ताव को मंजूरी देने की व्यवस्था की गई है। बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि राज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में औद्योगिक विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने बिहार के औद्योगिक विकास की सहूलियतों की जानकारी भी दी।
आंकड़ों की माने तो गत एक साल के दौरान बिहार में 36253 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पेप्सी बॉटलिंग व इथानोल प्लान्ट का उदघाटन गत महीने ही किया है। हाल ही में शुरू किया गया पूर्णिया का इथानोल प्लांन्ट ग्रीनफील्ड आधारित अपनी तरह का देश का पहला इथानोल प्लान्ट है। यह बिहार की इथानोल नीति 2021 के तहत स्थापित किया गया है। बेगूसराय में 550 करोड़ के निवेश वाले पेप्सी के बॉट्लिंग प्लांट के पहले चरण में 322 करोड़ के निवेश के साथ उत्पादन शुरू हो चुका है। गत एक साल के दौरान बिहार में 87 छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गईं हैं। बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि ऐसे औद्योगीकरण को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार बिहार इन्वेस्टर मीट का आयोजन कर रही है। इसमें बड़े निवेशकों को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी।
मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार देश का इथानोल हब बनने जा रहा है। सरकार को इथानोल यूनिट्स के लिए 30382 करोड़ के प्रस्ताव मिल चुके हैं। पहले चरण में इनमें 17 कंपनियां काम शुरू कर चुकी हैं। पूर्णिया में 105 करोड़ की लागत वाले देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन आधारित इथानोल प्लान्ट का उद्घाटन गत 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। आरा व गोपालगंज में भी इथानोल की यूनिटें लगाई जाएगी।
शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार में उद्योगों के स्थापना के लिए कई कारगर कदम उठाए गए हैं। निवेश बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 की औद्योगिक निवेश नीति में वर्ष 2020 में संशोधन किए गए। उद्योगों की स्थापना के लिए सात दिनों में एक ही जगह सभी जरूरी प्रस्ताव मंजूर किए जा रहे हैं। ताकि इसका लाभ बिहार को मिल सकें। गत वर्ष लागू बिहार की इथानोल नीति व आॅक्सीजन नीतियों की सफलता के बाद अब कई अन्य औद्योगिक नीतियां भी लागू की जा रही हैं। बिहार में टेक्सटाइल के क्षेत्र में रोजगार की बड़ी संभावनाओं को देखते हुए सरकार टेक्सटाइल व लेदर नीति भी जल्द ही लाएगी। लॉजिस्टिक्स व निर्यात संबंधी नीतियां भी पाइपलाइन में हैं।
शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए हाल के दिनों में कई बड़े फैसले किए गए हैं। उद्योगों की स्थापना को आसान व सहज करने के लिए सिंगल विंडो नीति बनाकर सहूलियतें दी जा रहीं हैं। ताकि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिल सकें। पटना में आइटी पार्क तो गया में विनिर्माण क्लस्टर बनाए गए हैं। मुजफ्फरपुर में फूड पार्क, बेगूसराय में बिजली क्लस्टर जैसे औद्योगिक पार्क बना कर वहां जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। इसके अलावा सभी नए-पुराने उद्योगों को भी सरकार सुविधाएं व सहारा देने की नीति पर चल रही है। ताकि बिहार में तेजी से औद्योगिक विकास हो सकें।