International Footwear Fair:
नई दिल्ली: देश आने वाले दिनों में फुटवियर के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने वाला है। फिलहाल फुटवियर निर्माण के क्षेत्र में भारत दूसरे नंबर पर बना हुआ है। इस मामले में अभी चीन नंबर एक पर है। लेकिन भारत ने फुटवियर उद्योग में जिस प्रकार गति पकड़ रखी है, बहुत जल्द यह चीन को पीछे छोड़ने वाला है।
जिस गति के साथ भारत में फुटवियर उद्योग आगे बढ़ रहा है बहुत जल्द चीन को पीछे छोड़ने वाला है। यह सारी बातें कनफेडरेशन आफ इंडियन फुटवियर इंडस्ट्री (सिफी) के चेयरमैन राजकुमार गुप्ता ने गुरुवार को प्रगति मैदान में आयोजित 6वें अंतर्राष्ट्रीय फुटवियर मेले के उद्घाटन के दौरान कहीं।
उन्होंने जानकारी दी कि पूरे विश्व के अंदर 1200 करोड जोड़ी जूते बनाए जाते हैं। जिसमें 230 करोड़ जोड़ी जूते केवल भारत बनाता है। यह संख्या 2030 तक तीन गुना बढ़ने वाली है और हम करीब 600 करोड़ जोड़ी जूते बनाया करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया में सबसे बेहतर क्वालिटी के फुटवियर भारत में ही बनाए जाते हैं। पूरे विश्व के अंदर सिर्फ पांच फीसदी जूते चमड़े के बनाए जाते हैं। बाकी 95 फीसदी फुटवियर बिना चमड़े के बनते हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार प्रगति मैदान के पांच हजार स्क्वायर फुट में अंतर्राष्ट्रीय फुटवियर मेले का आयोजन किया गया है, अगले साल यह मेला दो गुना लगने वाला है। इस मेले में फुटवियर निर्माण से जुड़ी औद्योगिक इकाइयां और उनके बनाए फुटवियर के सैकड़ों स्टाल लगे हुए हैं।
विभू नायर ने कहा, वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि अगले साल तक भारत की फुटवियर इंडस्ट्री चीन को टक्कर देगी, हम फुटवियर के क्षेत्र में दुनिया के लीडर बनने वाले हैं। विजय सांपला ने बताया कि हम सौ फीसदी फुटवियर सोल भारत के अंदर बना रहे हैं जो दुनिया का बेस्ट क्वालिटी सोल है।
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