India News (इंडिया न्यूज़) :अधिकारीयों के तबादलों और पोस्टिंग से जुड़ा दिल्ली सेवा बिल केंद्र सरकार सोमवार (7 अगस्त) को राज्यसभा में पेश किया है। बता दें, गृहमंत्री अमित शाह की ऊपरी सदन में इस बिल को पेश किया है। इस बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी हमला बोला। आम आदमी पार्टी की ओर से राघव चड्ढा ने तो कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने बिल को असंवैधानिक बताया। कांग्रेस और आप के आरोपों पर सुधांशु त्रिवेदी के बाद पूर्व CJI गोगोई ने बिल के समर्थन में संसद में जवाब दिया। पूर्व CJI गोगोई ने कहा कि यह कहना गलत कि मामला कोर्ट में है, तो सदन में बिल नहीं आ सकता।
बता दें, दिल्ली बिल के समर्थन में पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है, और दो प्रश्न संविधान पीठ को भेजे गए हैं और इसका सदन में बहस से कोई लेना-देना नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर राज्यसभा सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोईमेरे लिए बिल सही है।
#WATCH मेरे लिए बिल सही है: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर राज्यसभा सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई https://t.co/MBIA1RFi9b pic.twitter.com/yCikv9yWTD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 7, 2023
राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के आरोपों पर भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 105 पन्नों के फैसले में कहीं भी दिल्ली पर कानून पारित करने के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा गया है… सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पैराग्राफ 86, 95 और 164 F में कहा गया है कि संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने के सारे अधिकार हैं।