Jama Masjid: जहां एक तरफ देश में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ ऐतिहासिक जामा मस्जिद में महिलाओं को अकेले जाने पर रोक लगा दी गई है। यह मामला धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। आपको बता दें जामा मस्जिद के पीआरओ सबीउल्लाह खान ने बताया कि लड़कियां यहां पर अकेले आती हैं और लड़कों को टाइम देती है। यहां आकर गलत हरकतें करती है, वीडियो बनाती है। इस चीज को रोकने के लिए इस पर पाबंदी लगाई गई है।
इसके आगे पीआरओ खान ने कहा कि आप अपनी फैमिली के साथ आए, कोई पाबंदी नहीं है। मैरिड कपल है, कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन किसी को टाइम देकर आना है। इसे मीटिंग प्वाइंट समझ लेना, पार्क समझ लेना, टिक टॉक वीडियो बनाना, डांस करना…यह किसी भी धर्म स्थल के लिए मुनासिब नहीं है। चाहे वह मंदिर हो मस्जिद हो या फिर गुरुद्वारा ही क्यों न हो।
आपको बता दे महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि ‘जामा मस्जिद में लड़कियों की एंट्री बैन का फैसला गलत है। जितना हक पुरुष को इबादत का है, उतना ही महिला को भी है। मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं। इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है।’
जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फ़ैसला बिलकुल ग़लत है। जितना हक एक पुरुष को इबादत का है उतना ही एक महिला को भी। मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूँ। इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) November 24, 2022
आपको बता दे विश्व हिंदू परिषद ने तो इस फरमान को ‘महिला विरोधी’ बताया है। VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि ‘संविधान ने जो अधिकार दिए हैं, उन पर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। हरकत तो लड़के करते हैं और आप लड़कियों को कठघरे में खड़ा कर रहे हो!’
आपको बता दे जामा मस्जिद के पीआरओ ने कहा, ‘हमारा पाबंदी लगाने का मकसद यही है कि मस्जिद इबादत के लिए है और उसका इस्तेमाल सिर्फ इबादत के लिए हो।’ न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में खान ने कहा, ‘हमने केवल अकेली लड़कियों के आने पर पाबंदी लगाई है जो यहां आकर लड़कों को वक्त देती हैं, उनके साथ मुलाकातें करती हैं, गलत हरकतें करती हैं…। अगर कोई यहां आकर इबादत करना चाहे, नमाज पढ़ना चाहे तो मोस्ट वेलकम।’
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