India News Delhi (इंडिया न्यूज़), JNU Election: रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव में वाम समर्थित समूह को लगभग तीन दशकों के बाद अपना पहला दलित अध्यक्ष मिला। यूनाइटेड लेफ्ट पैनल ने आरएसएस से जुड़े एबीवीपी को हराकर क्लीन स्वीप किया। चार साल बाद हुए इस चुनाव में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के धनंजय ने 2,598 वोट हासिल कर जेएनयूएसयू अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की, जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उमेश सी अजमीरा को 1,676 वोट ही मिल सके। जेएनयूएसयू के नवनिर्वाचित अध्यक्ष धनंजय बिहार से हैं और बत्ती लाल बैरवा के बाद वामपंथी पार्टी के पहले दलित अध्यक्ष हैं।
जीत के बाद धनंजय ने कहा कि यह जीत जेएनयू छात्रों का जनमत संग्रह है कि वे नफरत और हिंसा की राजनीति को खारिज करते हैं। छात्रों ने एक बार फिर हम पर भरोसा दिखाया है। हम उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे और छात्रों से जुड़े मुद्दों पर काम करते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि कैंपस में महिलाओं की सुरक्षा, फंड में कटौती, छात्रवृत्ति, बुनियादी ढांचा और जल संकट शुरू से ही छात्र संघ की प्रमुख प्राथमिकताओं में रहे हैं।
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नवनिर्वाचित जेएनयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा, ‘यह छात्रों की जीत है। सरकार द्वारा धोखाधड़ी और फंडिंग में कटौती के विरोध में छात्रों ने वामपंथ को चुना है। जेएनयू के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष अविजीत घोष ने कहा, ‘जेएनयूएसयू चुनाव ऐतिहासिक हैं, ये चार साल बाद हो रहे हैं। जेएनयूएसयू ने हमेशा छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है।
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