JNU: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए नरसंहार को लेकर गुरुवार को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में कश्मीरी पंडितों के परिवार भी शामिल रहे। इन्होंने उस दौर में हुए खौफनाक मंजर की आपबीती छात्रों को सुनाई। जेएनयू में आयोजित इन कार्यक्रमों में गोष्ठी, फिल्म कश्मीर फाइल की स्क्रीनिंग और प्रदर्शनी को भी दिखाया गया था।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एबीवीपी के इकाई मंत्री उमेश चंद्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि “गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इस कार्यक्रम में कश्मीरी हिंदुओं ने जेएनयू में आकर अपनी बातों को रखा और यहां मौजूद प्रोत्साहित छात्रों ने बहुत आक्रोश के साथ उनकी बातों को सुना। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जेएनयू इकाई आगे भी ऐसे कार्यक्रम को आयोजित करवाती रहेगी और जेएनयू से राष्ट्रवाद का अलख जारी रहेगा।”
ABVP की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में आए कश्मीरी हिंदुओं ने बताया कि “कश्मीर में 90 के दशक में हुए नरसंहार हमें जीवन भर के लिए गहरा जख्म दे गया। खुलेआम कश्मीरी हिंदुओं को निशाना बनाकर गोली मारी गई। घरों में रहने वाली महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप किया गया। इसके साथ ही धर्म परिवर्तन किया गया और लाखों लोगों को घाटी से पलायन करने पर मजबूर कर दिया गया। 1990 का वह दौर हम जब भी याद करते हैं सहम उठते हैं।” जेएनयू में आयोजित हुए अनेक कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की भी मौजूद रहे।
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