India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Kanhiya Kumar: उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट ने 2024 के लोकसभा चुनाव में काफी सुर्खियां बटोरी हैं, खास तौर पर दो बिहारियों की उम्मीदवारी की वजह से भाजपा के मनोज तिवारी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार। तिवारी और कुमार के बीच हाई-प्रोफाइल मुकाबले ने न सिर्फ सीट की अहमियत बढ़ा दी है, बल्कि सबकी निगाहें 4 जून के नतीजों पर भी टिकी हैं।
कन्हैया कुमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े राजनेता और पूर्व छात्र संघ नेता हैं। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव बिहार के बेगूसराय निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के टिकट पर लड़ा था, लेकिन वो हार गए थे। इस बार 2024 में 37 वर्षीय नेता उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के मनोज तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। 2021 से कन्हैया कांग्रेस पार्टी के साथ काफी सक्रिय हैं और उन्होंने विभिन्न राज्य चुनावों में प्रचार किया है।
2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ खड़ा किया गया था। अपने अभियान के दौरान, कुमार ने क्राउड-फंडिंग के माध्यम से चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित अधिकतम स्वीकार्य चुनाव व्यय, 70 लाख रुपये जुटाए।
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राष्ट्रीय राजधानी का यह इलाका अपने सिग्नेचर ब्रिज के लिए जाना जाता है। यह ब्रिज न केवल उत्तर पूर्वी दिल्ली को आउटर रिंग रोड से जोड़ता है, बल्कि गाजियाबाद जिले तक पहुंचना भी आसान बनाता है। यह इलाका अपनी घनी आबादी, सांप्रदायिक मुद्दों और नागरिक सुविधाओं की कमी से परेशान रहा है और यह समस्या अब तेजी से बढ़ रही है। यहां चुनाव हमेशा से एक अहम मुद्दा रहा है। दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से दिल्ली की यह लोकसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में रहती है। वजह है यहां से कांग्रेस और आप के संयुक्त उम्मीदवार कन्हैया कुमार। वही कन्हैया कुमार जेएनयू से। मौजूदा और दो बार के सांसद मनोज तिवारी बीजेपी से मैदान में हैं। छठे चरण में मतदान के बाद आज यहां वोटों की गिनती हो रही है, कुछ देर में नतीजे आपके सामने होंगे।
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