India News (इंडिया न्यूज़) : दिल्ली सेवा अधिनियम कानून बनने के बाद दिल्ली सरकार और बीजेपी के बीच की तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली सरकार भाजपा पर आरोप लगा रही है कि वह काम नहीं करने दे रही ,वहीं भाजपा का आरोप है कि केजरीवाल ने सपनों का गारंटी कार्ड बनाया है, जिसे वो पुरे देश में बेचना चाहते हैं। इसी क्रम में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछा है कि वह दिल्ली की जनता को बताएं कि वह जो चुनावी वादे देश भर की जनता से करते रहते हैं, उन्हें दिल्ली में क्यों लागू नहीं कर रहे हैं। सचदेवा ने कहा है कि उत्तराखंड से शुरू होकर गुजरात, गोवा, कर्नाटक और अब छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में, अरविंद केजरीवाल सभी उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा कर रहे हैं। 3000 बेरोजगारी भत्ता, रु. सभी वयस्क महिलाओं के लिए 1000 रुपये, मुफ्त परीक्षण, दवा, नए अस्पतालों के साथ ऑपरेशन, अस्थायी और तदर्थ कर्मचारियों का नियमितीकरण और संविदा नौकरियों की समाप्ति।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने अरविंद केजरीवाल से सवाल किया है कि वह दिल्लीवासियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लोगों को भी बताएं कि वह दिल्ली के सभी उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त क्यों नहीं दे रहे हैं। केजरीवाल सरकार केवल 200 यूनिट बिजली मुफ्त दे रही है, वह भी उन लोगों को जो केवल 200 यूनिट तक की खपत करते हैं, 201 यूनिट खपाने वाले उपभोक्ता को एक भी यूनिट फ्री नही मिलती। अन्य किसी वर्ग के उपभोक्ताओं को कोई मुफ्त बिजली नहीं दी जाती है और दिल्ली की कमर्शियल बिजली दरें देश में सर्वाधिक हैं।
इसी तरह, केजरीवाल सरकार दिल्ली में कोई बेरोजगारी भत्ता नही देती ना ही वयस्क महिलाओं को कोई वजीफा नहीं देती है और न ही उनकी सरकार ने पिछले 8 वर्षों के दौरान दिल्ली सरकार सचिवालय के एक भी कर्मचारी को नियमित किया है। दरअसल, दिल्ली सरकार के कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों आदि में सफाई, गार्ड, नर्सिंग स्टाफ, डेटा ऑपरेटर और शिक्षक जैसी कई सेवाएं भी अनुबंधित कंपनियों के माध्यम से ली जाती हैं। यहां तक कि दिल्ली की बस सेवा भी निजी क्लस्टर बसों पर निर्भर है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने सपनों का गारंटी कार्ड बनाया है, जिसे वह दिल्ली में पूरी तरह से लागू किए बिना पूरे देश में बेचने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वह जिन राज्यों में भी गए हैं, वहां की जनता ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया है।
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