इंडिया न्यूज (इंडिया न्यूज),Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सोमवार (26 फरवरी) को सुनवाई करेगा। अरविंद केजरीवाल ने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी का एक कथित मानहानिकारक वीडियो रीट्वीट किया था। ऐसा करने के लिए उन पर आपराधिक मानहानि का आरोप लगाया गया था।
हाई कोर्ट ने मामले में आरोपी के तौर पर उन्हें जारी समन को बरकरार रखा था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच मामले की सुनवाई कर सकती है.
बता दें, 5 फरवरी 2024 को हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मानहानिकारक कंटेंट को रीट्वीट करना मानहानि के समान है. कोर्ट ने कहा कि सीएम (केजरीवाल) के बहुत सारे फॉलोअर्स हैं और वह वीडियो को रीट्वीट करने के परिणामों को समझते हैं।
आपको बता दें, दिल्ली सीएम के खिलाफ यह मामला विकास सांकृत्यायन उर्फ विकास पांडे ने दायर किया है, जो खुद को बीजेपी का समर्थक बताते हैं और सोशल मीडिया पेज ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ के संस्थापक हैं. दरअसल, ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में कहा था कि पांडे बीजेपी आईटी सेल के दूसरे नंबर के नेता हैं और पांडे ने एक बिचौलिए के जरिए महावीर प्रसाद नाम के शख्स को अपने आरोप वापस लेने के लिए 50 लाख रुपये की पेशकश की थी. सत्तारूढ़ दल का आईटी सेल झूठ और फर्जी खबरें फैलाता है।’ प्रसाद ने राठी को दिए एक इंटरव्यू में ये आरोप लगाए थे. मालूम हो कि यह इंटरव्यू राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर 10 मार्च 2018 को ‘बीजेपी आईटी सेल इनसाइडर इंटरव्यू’ नाम से अपलोड किया था.
इसके बाद, 7 मई, 2018 को यूट्यूबर ध्रुव राठी ने बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2 नाम से एक वीडियो अपलोड किया और आरोप लगाया कि प्रसाद को पैसे की पेशकश की गई थी। इस वीडियो को सीएम केरजीवाल ने रीट्वीट किया है. पांडे के मामले में, केजरीवाल ने 7 मई, 2018 को उस वीडियो को रीट्वीट किया था जिसमें उनके खिलाफ झूठे और मानहानिकारक आरोप थे।
उन्होंने तब कहा था कि केजरीवाल को करोड़ों लोग फॉलो करते हैं और आरोपों की प्रामाणिकता की जांच किए बिना वीडियो को रीट्वीट करके दिल्ली के सीएम ने इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े दर्शकों के लिए उपलब्ध कराया है।