India News(इंडिया न्यूज) Haus Khash में मिला खिलजी का सुरंग, सीरी की तुलना राय पिथौरा किले से किया जाता है। यह किला एक दुर्ग रूप में था। खिलजी के मुख्य पांच वंश थे जो गुलाम वंश के खत्म होने के बाद जलालुद्धीन खिलजी को द्वारा स्थापना की गई थी। जांच के दौरान सुंरग को 13वीं सदी के अलाउद्धिन के समय का बताया जा रहा है। हौजखास में खोदाई को समय जमीन में सुंरग मिली जिसके कारण खोदाई रोक दी गई। यह खोदाई बाल संग्रहालय के पुनर्विकास के लिए की जा रही थी। यह सीरीफोर्ट के पास है जिसे खिलजी दवा्रा बनाया गया था। एएसआइ ने इस सुरंग के अध्ययन कर रहे है। उन्होंने दस्तावेजों का भी अध्ययन किया है जिससे सुरंग के बारे में पता चल पाया है। कुछ साल पहले यहां इस इलाके में सीरीफोर्ट की दबी दीवार मिली थी, जो अब संरक्षित किया जा चुका था और इसे सीरीफोर्ट भी कहा जाता है। इस सीरीफोर्ट के बहुत कम अवशेष बचे हुए है। यह सीरीफोर्ट बहुत समय पहले से डीडीए के पास अधीन था।
डीडीए द्वारा बनाई गई यह इमारत अदालती तौर पर एएसआइ को दे दिया गया था। यहां खोदाई का काम चल रहा था, जो बाल संग्रहालय की योजना के लिए किया जा रहा है। इस दौरान यहां एक सुंरग मिला जिसके कारण खोदाई का काम रोक दिया गया। खोदाई का विस्तार से पता करने के बाद पता चला है कि यह सुरंग नीचे की बढ़ती हुई उत्तर से पूर्व दिशा की ओर बढ़ते जा रही है। खोज के दौरान एएसआइ के एक वरिष्ट अधिकारी ने कहा कि इस सुरंग का अध्ययन किया जा रहा है और इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है और अभी कोई फैसला भी नहीं लिया गया है।
सीरीफोर्ट किला मंगलो से बचने के लिए किया गया था। मंगलो द्वारा आक्रमन के वजह से सीरीफोर्ट का निर्माण किया गया था। खिलजी सम्राट को सबसे बड़ा सम्राट माना जाता था क्यूंकि इसे दक्षिन भारत में बढ़ाया था और इसको दूसरे शहर में स्थापना की गई थी। इस इमारत का निर्माण मंगलो से बचने के लिए किया गया था।
एएसआइ के वरिष्ट अधिकारी ने बताया कि सीरीफोर्ट मुख्य रूप से एक दुर्ग के रूप में था, और इसकी तुुलना राय पिथौरा किले से किया जाता है। खिलजी वंश का यह एक मुख्य वंश है, जो गुलाम वंश के समाप्ती के बाद हुआ था। सुरंग के जांच के दौरान यह पता चला है कि यह सुंरग 13वी सदी का अलाउद्धीन खिलजी के समय का बताया जा रहा है।