India News,(इंडिया न्यूज),ED : देश के दो दिग्गज नेता इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर हैं। बता दें,दोनों नेता अपने-अपने प्रदेश के सीएम हैं। एक हैं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और दूसरे हैं झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन। दोनों नातों से ईडी पूछताछ करना चाहती है, लेकिन वे पेश नहीं हो रहे हैं। बता दें, अरविंद केजरीवाल को ईडी नवंबर 2023 से अब तक तीन बार समन भेज चुकी है। वहीं सोरेन को अगस्त 2023 से आज की तारीख तक 7 नोटिस भेज चुकी है। लेकिन ये दोनों नेता जांच एजेंसी के समन को नजरअंदाज कर रहे हैं।
मालूम हो, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को बुधवार को ईडी के समक्ष पेश होना था, लेकिन वह नहीं हुए। इसके लिए उन्होंने जवाब भेजा है। केजरीवाल ने ED के समन को गैरकानूनी बताया है और सवाल किया कि चुनाव से पहले ही क्यों नोटिस मिला। उधर, सोरेन को ईडी ने 31 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन झारखंड सीएम गए ही नहीं।
अब सवाल उठता है कि ‘अगर कई नोटिस के बाद भी सीएम जांच में शामिल नहीं हुए तो उस स्थिति में ED क्या कार्रवाई आकर सकती है ? कानून के अनुसार, इस स्थिति में ईडी दो में से कोई भी कार्रवाई कर सकती है। पहला – जांच एजेंसी संबंधित अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर सकती है और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करवा सकती है, या वे उनके आवास पर जा सकती है और वहां उनसे पूछताछ कर सकती है।
दूसरा, ED के 3 समन मिलने के बाद भी अगर सीएम पेश न हों तो एजेंसी के पास कानूनी अधिकार है कि वह गिरफ्तारी कर सकती है। हालांकि यह अधिकार सीमित हैं। बता दें, ईडी अपने इस अधिकार का तब ही उपयोग कर सकती है जब उसके पास पुख्ता सबूत हों कि सीएम अपराध में संलिप्त हैं। अगर पुख्ता सबूत न हों तो संवैधानिक पद पर बैठे शख्स को अरेस्ट नहीं किया जा सकता।