गुरुग्राम। Lack of doctors in Hospitals and teachers in Schools पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की। उन्होंने है कि प्रदेश की मौजूदा सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल-खिलाड़ी और किसान विरोधी है। इस सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा, स्वास्थ्य व खेल तंत्र का बंटाधार कर दिया है। यह बात उन्होंने मंगलवार को यहां सेक्टर-29 में पूर्व मंत्री राव धर्मपाल की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद कही।
पूर्व सीएम ने स्वास्थ्य सेवाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि महकमे में 10 हजार पद खाली पड़े हैं। सरकार ने महामारी से भी कोई सबक नहीं लिया। खाली पदों को भरने की बजाए कोरोना काल में अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने वाले कच्चे कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से बाहर कर दिया। इसका खामियाजा आज आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। कुरुक्षेत्र में 72 बेड पर 140 मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। एक-एक बेड पर दो-दो, तीन-तीन मरीजों को रखा जा रहा है।
अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को 2- महीने इंतजार करना पड़ रहा है। सिर्फ कुरुक्षेत्र ही नहीं पूरे हरियाणा की यह स्थिति है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सरकार ने हरियाणा में 4 मेडिकल कॉलेज और सेंकड़ों अस्पताल बनाएं थे। इसी दौरान खानपुर महिला यूनिवर्सिटी, एम्स-2, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान प्रदेश में आए। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार आज अस्पतालों में स्टाफ व सुविधाएं तक देने में नाकाम है।
हुड्डा ने शिक्षा तंत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि हरियाणा के पिछड़े खंडों में बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए कांग्रेस सरकार ने 36 आरोही मॉडल स्कूल बनाए थे। उस वक्त इन स्कूलों में स्टाफ की संख्या 2232 थी जो पिछले 8 साल में घटकर सिर्फ 300 रह गई है। उन्होंने याद दिलाया कि हरियाणा को शिक्षा का हब बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकाल में 27 विश्वविद्यालय खोले गए थे। आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे अंतराज्ष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आए थे। इस दौरान सेंकड़ों स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेज खोले थे।
गरीब व ग्रामीण बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल और आरोही मॉडल स्कूल खोले गए थे। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सिर्फ शिक्षा महकमे में 1 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गई थीं। लेकिन आज हालात यह है कि स्कूलों में पढ़ाने के लिए टीचर तक उपलब्ध नहीं हैं। प्रदेश में 63 स्कूल ऐसे हैं जहां पर एक भी टीचर नहीं है। करीब 40 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक टीचर है। सरकार द्वारा सेंकड़ों स्कूलों को बंद किया जा रहा है और गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा का अधिकार देने वाले नियम 134ए को खत्म किया जा रहा है। इस मौके पर विधायक रघुबीर सिंह कादयान, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, आफताब अहमद, राव दान सिंह, कुलदीप वत्स समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे।