इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : पंजाबी गायब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में हत्यारों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए रिमांड पर लिए गए लारेंस बिश्नोई स्पेशल सेल को पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। उसने मूसेवाला की हत्या में खुद की संलिप्तता से इंकार किया है। साथ ही फेसबुक पर पोस्ट डालकर गोल्डी बरार द्वारा हत्या की जिम्मेदारी लेने के मामले से भी उसने खुद का कोई लेना नहीं बताया है। स्पेशल सेल उससे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या की साजिश में कौन-कौन गैंगस्टर शामिल हैं, किस-किस ने मदद की और शूटर कहां के रहने वाले हैं।
सेल का कहना है कि लारेंस व गोल्डी हर बार किसी बड़ी वारदात नए बदमाशों के जरिए कराते हैं ताकि पुलिस उन तक आसानी से नहीं पहुंच सके और अगर पहुंच भी जाए तो पुलिस उक्त बदमाशों से इनके कनेक्शन नहीं जोड़ पाए। सेल सूत्रों की मानें तो पंजाब से जुड़े इन गैंगस्टरों के बीच दशकों पुराने रंजिश चली आ रही है। ये सभी पंजाब यूनिवर्सिटी की राजनीति का हिस्सा हैं जो यूनिवर्सिटी कैंपस से शुरू हुई दोस्ती दुश्मनी में बदल गई।
माना जा रहा है कि मूसेवाला की हत्या पिछले साल मौहाली में विक्की मुथीखेड़ा की हत्या का बदला लेने के अलावा म्यूजिक इंडस्ट्री के धंधे पर भी दबदबा बनाने का उद्देश्य है। पंजाब के गैंगस्टर विक्की नए कलाकारों पर पैसा लगाता था, जो गायन के पेशे में अपना करियर बनाना चाहता है और उनके एल्बम लांच करने में उनकी मदद करता था। बाद में गैंगस्टर उनकी कमाई में अपना हिस्सा मांगते हैं। इसलिए सेल व पंजाब पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि कहीं उक्त हत्या की घटना के पीछे संगीत उद्योग पर गैंगस्टरों द्वारा दबदबा स्थापित करने का प्रयास तो नहीं है।
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