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Leader Declaration: जी 20 समिट में नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन पर बन सकती है आम सहमति, जानिए क्या होगा इसमें खास

• LAST UPDATED : September 9, 2023

India News(इंडिया न्यूज़) Leader Declaration: जी20 शिखर सम्मेलन में दो दिनों तक विश्व नेता रिन्यूएबल एनर्जी, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक विकास पर चर्चा करेंगे, लेकिन उनके बीच कई मुद्दों पर मतभेद है , G20 समिट से ठीक एक दिन पहले भारत ने उम्मीद जताई है कि ‘नई दिल्ली लीडर्स डिक्लरेशन’ पर आम सहमति बन जाएगी। विदेश मंत्रालय की ओर से समिट से जुड़े भारत के टॉप अधिकारियों ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सभी देशों के बीच बातचीत सहमति की दिशा में ही आगे बढ़ रही है। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर आम सहमति को लेकर आ रही दिक्कतों के बारे में ज्यादा जानकारी न देते हुए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि G20 के सारे देश आम सहमति की ओर बढ़ जाएंगे और हमें घोषणापत्र में आम राय देखने को मिल जाएगी।

अफ्रीकी संघ पर सभी एक साथ

अफ्रीकी यूनियन को G20 समूह में बतौर स्थायी सदस्य शामिल करने की खबरों पर विदेश सचिव ने कहा कि शनिवार को समिट की कार्यवाही के दौरान इस मसले पर वाजिब फैसला देखने को मिल सकता है। हालांकि अमिताभ कांत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्लोबल साउथ की आवाज़ में हमेशा विश्वास करते रहे हैं। इसी को देखते हुए उन्होंने अफ्रीकी संघ को समूह में शामिल किए जाने को लेकर सदस्य देशों को चिट्ठी भी लिखी थी।’ उन्होंने आगे बताया, ‘भारत की कोशिशों को बहुत सकारात्मक रिस्पॉन्स मिला है। यह मामला जल्द ही दिल्ली समिट में दुनियाभर के नेताओं के सामने आएगा।’ पीएम मोदी ने अफ्रीकी संघ को समूह में शामिल किए जाने को लेकर जून में एक चिट्ठी भी लिखी थी और भारत इस प्रस्ताव को सामने रखने में लीडर की भूमिका में रहा है।

यूक्रेन के अलावा दूसरे मुद्दे भी होंगे

यूक्रेन को जियो-पॉलिटिकल मुद्दा बताकर चर्चा से दूर रखे जाने पर कुछ देश सहमत नहीं हैं। जापान भी इनमें से है। एक जापानी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, हमें यूक्रेन पर चर्चा करनी चाहिए क्योंकि यह खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी सहित कई मुद्दों को प्रभावित करता है। मूल कारण अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। हम बाली में जारी किए गए बयान से पीछे नहीं हट सकते। रूस और चीन दोनों ने अब तक यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में पिछले साल जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान जारी संयुक्त बयान में इस्तेमाल की गई भाषा को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

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