India News (इंडिया न्यूज़) : अधिकारीयों के तबादलों और पोस्टिंग से जुड़ा दिल्ली सेवा बिल केंद्र सरकार सोमवार (7 अगस्त) को राज्यसभा में पेश किया गया। इस बिल को ने लोकसभा में पास होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह की ऊपरी सदन में इस बिल को पेश किया। निचली सदन के बाद राज्यसभा में भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित हो गया। राज्यसभा में यह ‘हां-131, ना-102’ के साथ पारित हुआ। बता दें, जब राज्यसभा में चर्चा के दौरान सांसद राघव चड्डा द्वारा चयन समिति का हिस्सा बनने के लिए पेश किए गए प्रस्ताव पर चार सासंदो के सहमति के बिना उनके हस्ताक्षर किए जाने का मामला साामने आया है। ऐसे में इसे विशेषाधिकार का मामला बताया जा रहा है। इस मामले में राज्यसभा के उपसभापति का कहना है कि चार सांसदों ने मुझे लिखा है कि उनकी ओर से कोई सहमति नहीं दी गई है और इसकी जांच की जाएगी। वहीं,बीजेडी सांसद डॉ सस्मित पात्रा का दावा है कि उन्होंने कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और यह विशेषाधिकार का मामला है। अब इस मामले में आप पार्टी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए इस मामले को राघव के खिलाफ साजिश बताया है।
राघव चड्ढा के पीछे पड़े अमित साह ; संजय सिंह
राघव के खिलाफ विशेषाधिकार के मामले पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह राघव चड्ढा के पीछे पड़ गए हैं। जैसे झूठे और बेबुनियाद मामले के जरिए राहुल गांधी की सदस्यता छीन ली गई वैसे ही वे राघव की सदस्यता छीनना चाहते हैं। वे बहुत खतरनाक लोग हैं। वे कुछ भी कर सकते हैं लेकिन हम आम आदमी के सिपाही हैं। हम उनसे नहीं डरते, हम उनसे लड़ते हैं और लड़ते रहेंगे। अगर राघव की सदस्यता छीनी गई तो वह निर्वाचित होकर वापस आएंगे और उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
राघव चड्ढा के सवाल पूछने से भाजपा को दिक्कत ; सौरभ भारद्वाज
वहीं इस पुरे मामले में दिल्ली: AAP मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि सेलेक्ट कमिटी को भेजे गए प्रस्ताव में सिर्फ नाम लिखे हैं जबकि उस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। इस पर किसी भी सांसद के हस्ताक्षर नहीं थे, चाहे वह असली हो या नकली। यह बयान अपने आप में गलत है कि राघव चड्ढा ने फेक हस्ताक्षर किए हैं। एफआईआर दर्ज करने के लिए आपको फेक दस्तावेज़ भी प्रदान करना होगा। इसमें कोई फर्जीवाड़ा शामिल नहीं है। राघव चड्ढा के सवाल पूछने से भाजपा को दिक्कत है। राहुल गांधी की तरह ही राघव चड्ढा की भी सदस्यता खत्म करने की कोशिश हो रही। वहीं इस मुद्दे पर राघव चड्ढा ने कहा है कि जब विशेषाधिकार समिति नोटिस भेजेगी तो मैं उन्हें जवाब दूंगा।
#WATCH सेलेक्ट कमिटी को भेजे गए प्रस्ताव में सिर्फ नाम लिखे हैं जबकि उस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। इस पर किसी भी सांसद के हस्ताक्षर नहीं थे, चाहे वह असली हो या नकली। यह बयान अपने आप में गलत है कि राघव चड्ढा ने फेक हस्ताक्षर किए हैं। एफआईआर दर्ज करने के लिए आपको फेक दस्तावेज़… pic.twitter.com/O1dpXh6l4S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2023
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