Saturday, July 6, 2024
HomeDelhiगुरुग्राम में सुशांत लोक-2 के लायंस ब्लड सेंटर लापरवाही पर सील

गुरुग्राम। Lions Blood Center in Gurugram Sealed on Negligence हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (Haryana Health and Family Welfare Minister) अनिल विज, जिनके पास खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (Food and Drug Administration Department) का प्रभार भी है, ने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवैध कार्यों में संलिप्त रक्त केंद्रों (blood centers) के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के अंतर्गत हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज (Anil Vij )ने शनिवार को गुरुग्राम के सेक्टर-56 में सुशांत लोक-2 स्थित लायंस ब्लड सेंटर पर गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। विभिन्न अनियमितताओं को देखते हुए ब्लड सेंटर को तुरंत सील कर दिया गया। साथ ही सेक्टर 56 स्थित पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

ब्लड सेंटर के कागजों में मिली हेराफेरी

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि नियमों के अनुसार किसी भी ब्लड सेंटर पर मेडिकल अधिकारी की पूर्णकालिक तैनाती होनी चाहिए। उसकी मौजूदगी में ही डोनर सिलेक्शन और रक्त दाता के शरीर से रक्त लिया जाना चाहिए। यहां पर दशार्या गया मेडिकल आॅफिसर डॉ. विपिन कथूरिया पालम विहार, गुरुग्राम स्थित विजया डायग्नोस्टिक सेंटर पर पैथोलॉजिस्ट के रूप में कार्य करता हुआ पाया गया। रक्तदाता रजिस्टर स्क्रीनिंग फॉर्म्स पर फर्जी हस्ताक्षर होना या थोड़े समय के लिए ब्लड सेंटर पर आकर एक साथ औपचारिकता पूर्ण करने के लिए भी कार्य पाया गया। प्राप्त दस्तावेजों में मेडिकल आॅफिसर का वेतन 60 हजार रुपये प्रतिमाह दिखाया गया, जबकि बैंक खाता स्टेटमेंट की जांच पर 25 हजार रुपये प्रति माह वेतन के तौर पर भुगतान किया गया है।

बिना अनुमति के दो वर्षों में लगाए कैंप

जांच के दौरान पता चला है कि उपरोक्त ब्लड सेंटर द्वारा पिछले 2 वर्षों में 176 आउटडोर ब्लड डोनेशन कैंप बिना अनुमति के आयोजित किए गए। जिनमें 6015 रक्त यूनिट्स एकत्रित किए गए, जिनकी कोई सूचना विभाग को नहीं दी गई। ना ही इन कैंपों में तकनीकी स्टाफ कानूनी योग्यता रखता था।

गुरुग्राम से लिया खून दूसरे शहरों थे बेचते

Lions Blood Center in Gurugram Sealed on Negligence
गुरुग्राम के सुशांत लोक-2 स्थित लायंस ब्लड सेंटर में छापेमारी के दौरान सेंटर को सील करती टीम।

 

अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के निवासियों का रक्त, रक्त शिविरों के माध्यम से दान में लेकर उत्तर प्रदेश के दूरदराज शहरों जैसे कि झांसी, कानपुर और पंजाब के शहरों में बेचना भी पाया गया है, जिसके एवज में 500 रुपये से लेकर 2000 तक रक्त और रक्त कॉम्पोनेंट्स के वसूले गए हैं। ऐसे ही दिल्ली स्थित एक रक्त भंडारण केंद्र जिसको उपरोक्त दोषी ब्लड सेंटर देने के लिए आॅथराइज नहीं था, वहां पिछले 2 हफ्ते के दौरान 164 ब्लड कॉम्पोनेंट्स सप्लाई किए गए। इस सारे खेल के पीछे इस ब्लड सेंटर की कार्यकारी निदेशक स्वाति पत्नी दृश्यटम का हाथ है। सेक्टर-56 पुलिस थाना, गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

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