Friday, July 5, 2024
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Liquor Policy Case : ED का बड़ा दावा, 'CM केजरीवाल और शराब घोटाले के आरोपी के बीच सीधे मैसेज के सबूत'

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Liquor Policy Case: राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र पर अपना फैसला चार जून तक सुरक्षित रख लिया है। ED का आरोप है कि पंजाब के शराब कारोबारियों से भी रिश्वत ली गई थी। ईडी का कहना है कि आम आदमी पार्टी (AAP) शासित पंजाब में उन कारोबारियों को उनके उद्यमों से बाहर कर दिया गया, जिन्होंने रिश्वत नहीं दी थी।

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने ईडी की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि उसके पास केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत हैं। ईडी ने आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी के रूप में नामित किया है, जिससे वह धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई है। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल और पार्टी इस कथित घोटाले में शामिल थे।

AAP को कैसे बनाएंगे आरोपी- कोर्ट (Liquor Policy Case)

अदालत ने ईडी से पूछा कि आम आदमी पार्टी (AAP) को आरोपी कैसे बनाया जा सकता है। ईडी ने जवाब दिया कि उन्होंने आप को व्यक्तियों के समूह के रूप में आरोपी के तौर पर नामित किया है। अदालत ने सवाल किया कि अगर आप एक कंपनी है, तो पीएमएलए एक्ट के तहत इसे क्यों देख रहे हैं, आरपी एक्ट क्यों नहीं?

इस पर ईडी ने बताया कि आरपी एक्ट के तहत राजनीतिक दल व्यक्तियों का संघ होता है और यह अनुच्छेद 19(1)सी के तहत मिले अधिकार से जुड़ा है। ईडी का कहना था कि आप को इस प्रकार से आरोपी बनाया जा सकता है।

20 पेज की चैट 

ईडी ने अपने आरोपपत्र में 20 पेज की वाट्सऐप चैट के स्क्रीनशॉट अदालत में पेश किए हैं। इन चैट में विनोद चौहान और अन्य लोगों के मोबाइल फोन के स्क्रीनशॉट शामिल हैं। ईडी का आरोप है कि इन चैट से पता चलता है कि हवाला कारोबारियों से धन का उपयोग किया गया है। एजेंसी ने कहा कि इन लोगों ने अनैतिक ट्रांजेक्शन किए हैं।

Liquor Policy Case : केजरीवाल को लगा SC से झटका 

सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के अनुरोध वाली याचिका पर कोई भी फैसला प्रधान न्यायाधीश (CJI) लेंगे, क्योंकि मुख्य मामले पर फैसला पहले से सुरक्षित है।

केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि उनका वजन अचानक छह से सात किलोग्राम कम हो गया है, जिसके कारण उन्हें कई चिकित्सकीय जांच कराने की आवश्यकता है। इसलिए उन्होंने कोर्ट से अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने का अनुरोध किया है। केजरीवाल ने 26 मई को दायर अपनी याचिका में कहा है कि वह जेल लौटने के लिए कोर्ट द्वारा निर्धारित तारीख 2 जून के बजाय 9 जून को आत्मसमर्पण करना चाहते हैं।

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