India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024: एक बार फिर भाजपा ने दिल्ली में अपना ‘सूपड़ा साफ’ अभियान जारी रखा और सभी सातों सीटों पर कब्जा कर लिया। एक दशक से दिल्ली में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार चला रही आम आदमी पार्टी इस बार भी अपना खाता खोलने में विफल रही। अपनी धुर विरोधी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद भी उसे सफलता नहीं मिली। एक तरफ पार्टी कथित शराब घोटाले में उलझी हुई है तो दूसरी तरफ उसे हार का भी सामना करना पड़ा है। हालांकि निराशा के बादलों के बीच पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल के लिए एक अच्छी खबर भी है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की कथित शराब घोटाले में गिरफ्तारी और फिर 21 दिनों की जमानत के बाद हुए चुनाव में पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई, लेकिन लोकसभा चुनाव में वह अपना समर्थन बढ़ाने में सफल रही है। पार्टी के वोट शेयर में 6 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। अंतरिम जमानत के दौरान दिल्ली में अपने आक्रामक प्रचार से केजरीवाल आप को दूसरे स्थान पर लाने में कामयाब रहे। 10 साल बाद पार्टी को भाजपा से कम लेकिन कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले हैं।
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मंगलवार को नतीजों की घोषणा के बाद चुनाव आयोग के मुताबिक, वोट शेयर के जो आंकड़े जारी हुए हैं, उनमें आप के लिए सबसे अच्छी खबर और भाजपा के लिए थोड़ी निराशा है। वहीं, कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। भाजपा को 54.35 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि 2019 में पार्टी को 56.9 फीसदी वोट मिले थे।
इस बार आम आदमी पार्टी को 24.17 फीसदी मतदाताओं ने पसंद किया, जबकि 2019 में पार्टी 18.1 फीसदी वोट शेयर पर सिमट गई। 2014 में 32.90 फीसदी वोट पाने वाली आप के लिए यह बड़ा झटका था। हालांकि, तमाम मुश्किलों के बावजूद इस बार पार्टी न सिर्फ अपना वोट शेयर बढ़ाने में कामयाब रही, बल्कि दूसरे स्थान पर भी पहुंच गई। इस बीच, कांग्रेस के लिए निराशाजनक खबर है। 2019 में जहां पार्टी के पास अकेले 22.5 प्रतिशत वोट शेयर था, वहीं आम आदमी पार्टी से गठबंधन के बाद उसे नुकसान उठाना पड़ा है। इस बार कांग्रेस को सिर्फ 18.91 प्रतिशत वोट मिले हैं। पार्टी तीसरे स्थान पर खिसक गई है।
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