India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Loksabha Election 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की 7 सीटों पर 25 मई को वोटिंग होगी। चुनाव से पहले ही कांग्रेस में नेताओं के बीच झगड़ा जारी है, जिसका अंत नहीं हो पा रहा है। दिल्ली कांग्रेस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट के लिए कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया है, जिससे पार्टी को भी मदद मिल सके। परन्तु, इस फैसले से पार्टी में आपसी असहमति बढ़ गई है। बीजेपी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी को फिर से चुनाव के लिए चुना है।
दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया के नेतृत्व में उत्तर पूर्वी जिले के पूर्व विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी, जहां कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी पर चर्चा की गई। परंतु, बैठक से कोई नतीजा नहीं निकला। बातचीत के दौरान कुछ नेताओं ने कन्हैया कुमार के साथ तीखी बहस की, जिसमें एक नेता ने उन पर अपशब्दों का उपयोग किया। हालांकि, प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस बहस को नकारा।
दिल्ली कांग्रेस में आजकल गठबंधन और उम्मीदवारों के चयन से जुड़े काम में बहुत ही खलबली देखी जा रही है। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली सीट पर कन्हैया कुमार के चयन के बाद से, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में विरोध की आवाजें बढ़ी हैं। इस स्थिति को संभालने के लिए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जिलाध्यक्षों और पूर्व विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित भी शामिल थे, जो कन्हैया कुमार के उम्मीदवारी के विरोध में थे। बैठक के दौरान, जब अरविंदर सिंह लवली ने संदीप दीक्षित को मंच पर बुलाया, तो उन्होंने इसे इंकार कर दिया। तब कन्हैया कुमार ने भी उन्हें सम्मानित किया, जिससे संदीप दीक्षित को आपत्ति हुई। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने बैठक में कहा कि कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी से कांग्रेस को नुकसान होगा, न केवल नॉर्थ-ईस्ट सीट में बल्कि दिल्ली की अन्य सीटों पर भी।
संदीप दीक्षित के इस टिप्पणी पर, कन्हैया कुमार ने उनके खिलाफ पलटवार किया और उन्हें बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप लगाया। इसके परिणामस्वरूप, दीक्षित ने उन पर अपशब्द कह डाले। बाद में, दीपक बाबरिया और संदीप दीक्षित के बीच भी तीखी बहस हुई, और बैठक से कोई नतीजा निकला नहीं। कन्हैया कुमार ने बैठक से विरोधी वातावरण में निकल लिया। हालांकि, दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य लोकसभा चुनाव की प्रचार की गति को तेज करना और नई रूपरेखा तैयार करना था। बैठक में, तीन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई।
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