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Manish Sisodiya Bail: सिसोदिया की जेल से रिहाई AAP सरकार के लिए साबित होगी संजीवनी? केजरीवाल की गैरमौजूदगी में संभालेंगे सारा काम

• LAST UPDATED : August 10, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Manish Sisodiya Bail:  डेढ़ साल बाद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की रिहाई के बाद अब दिल्ली सरकार का ठप पड़ा कामकाज सामान्य होने की उम्मीद है। अधिकारियों और संविधान विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि अगर सिसोदिया को उनके पिछले पद पर बहाल कर दिया जाता है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से प्रभावित दिल्ली सरकार का कामकाज सामान्य हो सकता है। सिसोदिया के पास शिक्षा, वित्त, आबकारी, स्वास्थ्य और पीडब्ल्यूडी समेत 18 विभागों का प्रभार था। इसके अलावा वह केजरीवाल सरकार में उपमुख्यमंत्री भी थे।

केजरीवाल की गैरमौजूदगी में संभालेंगे सारा काम!

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि तकनीकी तौर पर सिसोदिया फिर से उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण कई जटिलताओं से निपटना होगा। अधिकारी ने बताया कि सिसोदिया को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए केजरीवाल को तिहाड़ जेल से उपराज्यपाल को अपनी सिफारिश भेजनी होगी। केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए उन्हें उपराज्यपाल को सिफारिश भेजने के बाद मंत्रिपरिषद में किसी को भी नियुक्त करने का अधिकार है।

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केजरीवाल के विश्वासपात्र मनीष सिसोदिया

ऐसे समय में सिसोदिया को ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद पार्टी को नया बल मिलने की उम्मीद है। पार्टी अभी भी काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है। इसके ज्यादातर वरिष्ठ नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। केजरीवाल उन पर काफी भरोसा करते हैं।

विधानसभा चुनाव पर होगा अगला फोकस

सिसोदिया अब तक तीन बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। पहली बार 2013-14 में 49 दिन की आप सरकार के दौरान वे उपमुख्यमंत्री थे और फिर 2015 में और फिर 2020 में भी वे उपमुख्यमंत्री पद पर रहे हैं। अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। इसलिए उनका पहला फोकस यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर मौजूद रहें और विधायकों को लालच न दिया जाए।

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