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Manish Sisodiya: जेल में सिसौदिया, संजय सिंह पर छापेमारी, AAP के गले की फांस बनी शराब नीति!

• LAST UPDATED : October 4, 2023

India News(इंडिया न्यूज़)Manish Sisodiya: दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति अब उसके गले की फांस बन गई है। इस मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया पहले से ही जेल में हैं, अब संजय सिंह भी जांच एजेंसी के रडार पर आ गए हैं। आज ईडी ने संजय सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह के करीबी लोगों के घरों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई शराब नीति मामले को लेकर की गयी है। इसकी जानकारी संजय सिंह ने ट्विटर पर दी है। उन्होंने कहा- मैंने ईडी की फर्जी जांच को पूरे देश के सामने उजागर किया। इसे लेकर ईडी ने गलती मानी।

जब मेरे पास कुछ नहीं मिला तो आज ईडी ने मेरे सहयोगी अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घर पर छापेमारी की। ईडी ने चार्जशीट में सिसौदिया को मुख्य साजिशकर्ता बताया था। दिल्ली का शराब घोटाला अब आम आदमी पार्टी सरकार के गले की फांस बन गया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर आज प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने छापेमारी की। ईडी की टीम सुबह करीब सात बजे उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची। बड़ी बात यह है कि संजय सिंह से पहले इस मामले में ईडी उनके सहयोगियों पर भी छापेमारी कर चुकी है। इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को जेल में डाल दिया गया था, क्योंकि उनके पास उत्पाद शुल्क विभाग का प्रभार था।

नई आबकारी नीति 2021-2022 लागू की गई

दरअसल, नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-2022 लागू की थी। इस नीति के आने के बाद राज्य के कारोबारियों ने ग्राहकों को रियायती दरों पर शराब बेचना शुरू कर दिया। बाद में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति पर सरकार से रिपोर्ट मांगी। मुख्य सचिव ने जब एलजी को रिपोर्ट सौंपी तो उसमें नियमों के उल्लंघन और टेंडर प्रक्रिया में खामियों का जिक्र किया गया। दिल्ली सरकार पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाकर रिश्वत लेने का भी आरोप लगा।

 

 

सीबीआई ने सिसौदिया को मुख्य आरोपी बनाया

इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई शराब नीति में अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की। जांच के बाद सीबीआई ने नई आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ मामला दर्ज किया और सिसौदिया को मुख्य आरोपी बनाया। बाद में सीबीआई ने सिसौदिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिर ईडी ने इस मामले में सिसौदिया को भी गिरफ्तार किया था। जांच के बीच दिल्ली सरकार ने नई नीति वापस ले ली।

दिल्ली सरकार क्यों लाई नई शराब नीति?

दिल्ली में शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने और ठेका बार चलाने के लिए नई आबकारी नीति लागू की गई थी। नीति के माध्यम से होटल, बार, क्लब और रेस्तरां के मालिकों को सुबह 3 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई थी। वहीं, कुछ लोगों को 24 घंटे दुकानें खोलने का लाइसेंस दिया गया. इस नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटकर लाइसेंस जारी किए गए। बाद में दिल्ली सरकार पर लाइसेंस जारी करने में घोटाले का आरोप लगा।

नई शराब नीति पर क्यों उठे सवाल?

दरअसल, दिल्ली में पुरानी शराब नीति के मुताबिक 60 फीसदी दुकानें सरकारी थीं जबकि 40 फीसदी निजी हाथों में थीं। बाद में नई नीति लागू कर शत-प्रतिशत दुकानें निजी व्यापारियों को सौंप दी गईं। इतना ही नहीं, राज्य में शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी गई। दिल्ली सरकार पर शराब को बढ़ावा देने का आरोप लगा।

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