नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की जो नई आबकारी नीति को आई है उसे अभी 9 महीने भी ठीक से नहीं हुए हैं, इसी बीच 200 से ज्यादा दुकानें बंद भी हो चुकी हैं। आने वाले दिनों में कुछ और दुकानें भी बंद होने के आसार हैं। दरअसल, दिल्ली में जो लोग शराब का कारोबार कर रहे हैं उन्होंने सरकार की शराब नीति से दूरी बना ली है और अपनी दुकानों को बंद करने की शुरूआत कर दी है। दुकानदारों का आर्थिक नुकसान होने की वजह से ये लोग ऐसा कर रहे हैं और वे अपने लाइसेंस सरकार को लौटा रहे हैं।
शराब को लेकर दिल्ली में एक बार फिर हाहाकार मच सकता है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में अब तक 9 जोन एक्साइज डिपार्टमेंट को सरेंडर कर चुके हैं। यानी तकरिबन 160 से अधिक शराब की दुकानें बन्द हो चुकी हैं।
पूर्वी दिल्ली में शराब की नई नीति को लेकर एक कारोबारी ने बताया की, सरकार खुद ही अपनी पॉलिसी को सही तरीके से ना तो इंप्लीमेंट कर पाई और ना ही उसे समझ पाई। दरअसल, सरकार ने पहले शराब पर डिस्काउंट देने की छूट दी और बाद में सरकार ने इसको हटा दिया। फिर वापस शराब पर डिस्काउंट देने की छूट दी। इसी कारण कारोबारियों को काफी नुकसान सहना पड़ा। साथ ही नई पॉलिसी के बाद शराब ने कुछ ब्रांड्स को भी बंद कर दिया, जिसका असर शराब खरीदने वालों पर पड़ा। बहुत से लोगों ने अपनी पसंदीदा शराब ना मिलने के कारण उसे खरीदना तक छोड़ दिया है। यह भी एक वजह जिससे शराब कारोबारियों को बेहद नुकसान झेलना पड़ा।
सरकार की नई पॉलिसी के तहत हर वार्ड में शराब की दुकानें खुलीं और इससे कंपटीशन भी बढ़ गया। शराब कारोबारियों ने लोगों को भारी डिस्काउंट पर शराब बेची। लेकिन बाद में सरकार ने इस डिस्काउंट को हटा गया। जिसके चलते शराब कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान सहना पड़ा। वहीं, शराब कारोबारी नई पॉलिसी के तहत बॉर्डर एरिया पर दुकान नहीं खोल सके, उससे भी उनको नुकसान का सामना करना पड़ा।
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