इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राजधानी की 20 झीलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पुनर्जीवित, विकसित और संरक्षण करने का फैसला किया है। जिसके लिए दिल्ली की वेटलैंड अथॉरिटी, पर्यावरण विभाग द्वारा कुल 1045 झीलों में से करीब 1018 झीलों की मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। साथ ही इन सभी 1045 झीलों को यूआईडी नंबर भी आवंटित किए गए हैं। आगे इसी परियोजना के आधार पर बाकी झीलों का भी विकास किया जाएगा।
बता दें कि मंगलवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में डीपीजीएस, वेटलैंड अथॉरिटी आॅफ दिल्ली, पर्यावरण विभाग के अधिकारियों और लैंड ओनिंग एजेंसीज के साथ संयुक्त बैठक की गई। इस बैठक में डीपीजीएस, एमसीडी, सीपीडब्लूडी, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, डीएसआईआईडीसी, राजस्व आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान दिल्ली की झीलों के सौन्दर्यीकरण और संरक्षण को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस परियोजना के तहत दिल्ली को झीलों के शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
जिसके पहले चरण में दिल्ली की 20 झीलों का सौन्दर्यीकरण और विकास करने का निर्णय लिया गया हैं। इसमें संजय झील, हौज खास झील, भलस्वा झील , स्मृति वन (कुंडली), स्मृति वन (वसंत कुंज), टिकरी खुर्द झील, नजफगढ़ झील, वेलकम झील, दयार्पुर कलां झील, पुठ कलां (सरदार सरोवर झील), मुंगेशपुर, धीरपुर, संजय वन का एमपी ग्रीन एरिया, अवंतिका सेक्टर-1 रोहिणी के जिला पार्क, बरवाला, वेस्ट विनोद नगर (मंडावली , फजलपुर), मंडावली गांव, अंडावली गांव राजोरी गार्डन, बरवाला और झटिकरा की झीलें शामिल हैं।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि झीलों के विकास और पुनर्जीवित के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं की उन झीलों से संबंधित शिकायतों पर कार्य किया जाए। अभी तक की आई रिपोर्ट के अनुसार अतिक्रमण, सीवेज डिस्चार्ज और ठोस कचरे की डंपिंग मुख्य समस्याओं के तौर पर देखी गई हैं। इन्ही समस्याओं के निवारण और झीलों के विकास के लिए जिला-स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी गठित की गई है। जो समय समय पर इन झीलों की निगरानी और निरीक्षण का काम करेंगी। साथ ही झीलों से संबंधित शिकायतों का निपटारा भी करेंगी।
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