तीन-चार साल से काफी समय हो गया है, निवेशक अपनी संपत्तियों की पहचान नहीं कर पाए हैं। साथ ही यूपी स्पेशलिटी मान्यता की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 है। आपका सही संपत्ति कर जमा न होने की स्थिति में निगम के नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों से अपनी संपत्ति से जुड़े डेटा की जांच करने की अपील की गई है। इसके आधार पर अपनी संपत्ति का भुगतान करना सुनिश्चित करें। भुगतान नहीं करने पर 3 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा हो सकती है।
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निगम ने रजिस्ट्री, बिजली बिल, रजिस्ट्री रजिस्ट्रेशन, लाइसेंसिंग रजिस्ट्रेशन डेटा से तैयार किए गए दस्तावेजों का मिलान निगम के पास उपलब्ध संपत्ति कर डेटा बेस से किया है। इन सभी संपत्तियों को खाली कराने के लिए जल्द से जल्द आवेदन किया जाएगा। ऐसा न करने पर बकाया राशि के खिलाफ अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा।
साथ ही इस वित्तीय वर्ष में राजस्व वृद्धि पर भी जोर दिया जा रहा है। निगम को इस साल संपत्ति से 3,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है। अब तक संपत्ति के लिए 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है। निगम ने पूरी दिल्ली से करीब 12 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का भुगतान किया है। जिसमें तीन लाख व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं। वहीं, संपत्ति करदाताओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।