इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
MCD Election : चुनाव टालने पर आयोग के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी(आप) ने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। आप ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली नगर निगम का चुनाव उसके कार्यकाल की समाप्ति (मई, 2022) से पहले कराने की मांग है। पार्टी का कहना है कि राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव कराने का जो कार्यक्रम पूर्व में तय किया था, उसी के अनुसार चुनाव हो।
सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर कर आप ने कहा है कि याचिका में संवैधानिक महत्व का एक जरूरी सवाल उठाया गया है कि तथा पूछा गया है कि क्या राज्य चुनाव आयोग को केंद्र सरकार द्वारा नगर निगम चुनावों को स्थगित करने के लिए भेजे गए एक अनौपचारिक संचार से प्रभावित किया जा सकता है जबकि चुनाव आयोग, चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार था। (MCD Election)
याचिका में दावा किया गया है कि राज्य चुनाव आयोग, दिल्ली नगर निगम चुनावों की तैयारी कर रहा था और इसके लिए वह कई नोटिसों, अधिसूचनाओं और आदेशों के माध्यम से संकेत दे दिया था कि अप्रैल 2022 में चुनाव कराया जाएगा।
याचिका में कहा गया है कि मार्च, 2022 को राज्य चुनाव आयोग ने एक पत्र प्रसारित किया था, जिसमें उसी दिन शाम पांच बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का संकेत दिया गया था और उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अप्रैल में होने वाले नगर निगम चुनावों की रूप रेखा घोषित की जानी थी। (MCD Election)
आप ने याचिका में कहा है कि ठीक आधे घंटे बाद, एक प्रेस नोट के माध्यम से राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि उसे दिल्ली के उपराज्यपाल से कुछ संचार प्राप्त हुआ है। जिसके अनुसार भारत सरकार तीन हिस्सों में बंटे नगर निगमों का विलय करने के लिए एक कानून पास करने की सोच रहा है।
इस सूचना को ध्यान में रखकर चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के लिए आयोजित की जाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। इसलिए नगर निगम का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। याचिका में आगे कहा गया है कि नगर निगम चुनावों में देरी के पीछे एकमात्र यह कारण होने से भारत सरकार, राज्य चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को कम करने और दिल्ली में स्वतंत्र और निष्पक्ष निगम चुनावों को रोकने के प्रयास कर रही है। (MCD Election)
चुनावों को स्थगित करने के लिए ऐसे अपर्याप्त कारण समझ से परे है। वहीं नगर निगम के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराना संवैधानिक नियम है। ऐसे में चुनाव टालना यह स्पष्ट रूप से निष्पक्ष चुनावों में बाधा डालना जैसा है। अब आगे यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर क्या रूख अपनाती है।(MCD Election)
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