India News(इंडिया न्यूज़), MCD: भारत में स्तनपान की दर बहुत ख़राब है, क्योंकि 50 प्रतिशत बच्चे जन्म के बाद माँ के दूध से वंचित रह जाते हैं। इसलिए दिल्ली के दयानंद अस्पताल में पहला मिल्क बैंक तैयार किया जा रहा है। यहां मां का दूध तीन महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। दो मशीनें खरीदी गई हैं। एमसीडी अधिकारियों ने दावा किया है कि जनवरी 2024 में मिल्क बैंक शुरू हो जाएगा। यह सुविधा पूरी तरह से मुफ्त होगी। एमसीडी कमिश्नर ने अपने बजट भाषण में मिल्क बैंक का भी जिक्र किया था।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्तनपान की दर बहुत खराब है। 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, 100 में से केवल 50 महिलाएं ही बच्चे को जन्म के बाद स्तनपान करा पाती हैं। आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि 50 प्रतिशत बच्चे विभिन्न कारणों से जन्म के बाद मां के दूध से वंचित रह जाते हैं।
जन्म के बाद बच्चे के लिए मां का दूध अमृत माना जाता है। मां का दूध बच्चे को कई घातक बीमारियों से बचाता है। जो बच्चे जन्म से ही कमजोर होते हैं या ऑपरेशन से पैदा होते हैं, ऐसे बच्चों को दूध पीने में दिक्कत होती है। क्योंकि दूध खींचने के लिए ताकत की जरूरत होती है। इस कारण ऐसे बच्चों को मां का दूध नहीं मिल पाता है।
यह मिल्क बैंक उन बच्चों को मां का दूध उपलब्ध कराने के लिए बनाया जा रहा है जो कमजोरी या बीमारी के कारण मां का दूध नहीं पी पाते हैं। मशीनों की मदद से बच्चे की मां का दूध निकालकर मिल्क बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा। बाद में इस दूध को आवश्यकतानुसार चम्मच आदि की मदद से बच्चे को पिलाया जाएगा।
इसे भी पढ़े: