India News(इंडिया न्यूज़), MCD Rules: राजधानी में धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों के आसपास मांस की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने की नीति में बदलाव होने जा रहा है। अब पूरी दिल्ली के एमसीडी एरिया में 150 मीटर की दूरी पर ही मांस बिक्री के लिए लाइसेंस की शर्त लागू होगी। इस प्रस्ताव को सदन से मंजूरी मिलने के बाद निगम नीति में बदलाव करेगा।
MCD अब मीट की दुकानों धार्मिक स्थलों और लाइसेंस फीस को लेकर नई नीति लाने की तैयारी कर रही है। दिल्ली नगर निगम में मीट की दुकानों और उनके लाइसेंस को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। 27 अक्टूबर को एमसीडी की प्रस्तावित पार्षदों की बैठक में इस पर चर्चा होगी। MCD के नए प्रस्ताव में मीट की दुकानों और धार्मिक स्थलों के बीच दूरी तय की गई है। इसके अलावा लाइसेंस फीस बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। नए प्रस्ताव के मुताबिक अब धार्मिक स्थलों के पास मांस नहीं बेचा जाएगा। एमसीडी के प्रस्ताव के मुताबिक मीट की दुकानों को कम से कम 150 मीटर के दायरे से बाहर रहना होगा।
MCD के नए प्रस्ताव में मस्जिदों और सूअर के मांस की दुकानों के बीच की दूरी 50 मीटर होगी। मस्जिद से मांस की दुकानों की दूरी मस्जिद प्रबंधन की सहमति से तय की जाएगी। आपको बता दें कि धार्मिक स्थलों में मंदिर, गुरुद्वारा, श्मशान और कब्रिस्तान समेत अन्य स्थान शामिल हैं।
दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 415 के तहत किसी भी मीट की दुकान या मीट प्रोसेसिंग प्लांट खोलने से पहले एमसीडी से लाइसेंस लेना जरूरी होगा। धार्मिक स्थलों के पास और खुले में मांस बेचने को लेकर कई बार हंगामा हो चुका है। नॉर्थ-ईस्ट एमसीडी में मीट की दुकानों का लाइसेंस लेने की फीस भी बढ़ सकती है। इनकी फीस की तुलना साउथ दिल्ली की दुकानों से की जा सकती है।
निगम के एकीकरण के बाद नियमों में एकरूपता के लिए 150 मीटर की दूरी का नियम तय किया जा रहा है. चाहे वह संपत्ति के सामने हो या संपत्ति के दायीं या बायीं ओर हो। धार्मिक स्थल से शिक्षण संस्थान की दूरी 150 मीटर होने पर ही लाइसेंस मिलेगा।
गौरतलब है कि निगम दिल्ली में रिहायशी इलाकों से लेकर बाजारों तक मांस की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करता है। यह नियम यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है कि धार्मिक स्थलों के पास मांस की बिक्री से धार्मिक भावनाएं आहत न हों। नियमों में संशोधन नये लाइसेंस आवेदनों पर लागू होगा। पुराने जारी लाइसेंस वाली दुकानों पर पुरानी शर्तों के आधार पर ही लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
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