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Medha Patkar: सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 5 महीने की जेल, जानें क्या है मामला?

• LAST UPDATED : July 1, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Medha Patkar: दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार, 1 जूलाई को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मौजूदा दिल्ली एलजी वी के सक्सेना द्वारा दायर 23 साल पुराने आपराधिक मानहानि मामले में पांच महीने की कैद की सजा सुनाई। अदालत ने मेधा पाटकर को वीके सक्सेना को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए मानहानि के मामले में मई में दिल्ली की एक अदालत ने दोषी ठहराया था।

नर्मदा बचाओ आंदोलन से फेमस हुई थी मेघा पाठकर

पाटकर 1985 में नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के माध्यम से प्रमुखता में आईं, जिसका उद्देश्य नर्मदा घाटी के आसपास रहने वाले आदिवासियों, मजदूरों, किसानों, मछुआरों, उनके परिवारों और अन्य लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को उजागर करना था।

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पाटकर बनाम सक्सेना विवाद

वर्ष 2000 से पाटकर और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है, जब पाटकर ने सक्सेना के खिलाफ उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए मुकदमा दायर किया था। उस समय वीके सक्सेना अहमदाबाद स्थित एनजीओ नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रमुख थे।
पाटकर द्वारा उनके खिलाफ कदम उठाए जाने के बाद, सक्सेना ने भी उनके खिलाफ एक टीवी चैनल पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और मानहानिकारक प्रेस बयान जारी करने के लिए दो मामले दर्ज किए थे।

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