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Missing Case: मिसिंग’ मतलब सिर्फ लड़कियों का ‘भागना’ नहीं है ट्रैफिकिंग भी है इसकी बड़ी वजह, जानिए क्या है पुरा मामला

• LAST UPDATED : August 10, 2023

India News(इंडिया न्यूज़)Missing Case: फरवरी 2022 में ब्रह्मपुरी से 15 साल की लड़की अचानक गायब हो गई। पुलिस ने लड़की को अप्रैल में एक लड़के के साथ बरामद भी कर लिया। लड़की की बड़ी बहन बताती हैं, कोर्ट में केस गया और अगस्त में वो फिर गायब हो गई। अब पुलिस ने मान लिया कि वो खुद गई है, इसलिए सुनना बंद कर दिया। कुछ महीने बाद बहन ने फोन पर बताया कि मिसकैरिज हो गया है और तबीयत बहुत खराब है। वो अब हमारा साथ चाहती है। उसने गलती की, बच्ची थी। लेकिन अगर पुलिस उसे पहले ही ले आती तो यह नौबत नहीं आती।लड़कियों का यूं गायब हो जाना, बड़े क्राइम की भी दस्तक है। इन मामलों में पुलिस ट्रैफिकिंग को नजरअंदाज कर रही है।

रिकवरी रेट आधे से भी कम

नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 2021 में 18 साल से छोटी गुमशुदा लड़कियां 7805 लड़कियां गायब हुईं, जिनमें से 1624 यानी 49.3% ही ट्रेस हो पाईं। 2019 से 2021 यानी तीन सालों में 22919 मिसिंग केस की फाइल में हैं। वहीं, 2021 में 29676 महिलाएं गायब हुईं, जिनमें से रिकवर 10345 सिर्फ 34.9% है। तीन सालों में गायब महिलाओं की संख्या 61504 है।

दिल्ली से भी होती है ट्रैफिकिंग

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो कहते हैं, मिसिंग लड़कियों में ज्यादातर ट्रैफिकिंग के मामले हैं, जिसे पुलिस नहीं मानती। गुमशुदा लड़कियां ट्रेस इसलिए नहीं हो पा रही हैं, क्योंकि ट्रैफिकिंग को ऑर्गनाइज्ड क्राइम के तौर पर गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कम उम्र की लड़कियों को बहला-फुसलाकर, प्यार का झांसा देकर भगा ले जाना और फिर बेचने या रेप के कई मामले सामने आते हैं।

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