इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के एकीकृत नगर निगम के विशेष अधिकारी और आयुक्त की सर्वोच्च प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि केंद्र की मोदी सरकार से निगम के लिए पर्याप्त फंड की व्यवस्था करे जो एमसीडी में भाजपा के 15 साल शासन ने 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की सामूहिक देनदारी की अदायगी नहीं की हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने मिलकर एमसीडी को इतना कंगाल बना दिया है कि ईस्ट एमसीडी ने पांच महीने और नॉर्थ एमसीडी ने तीन महीने का अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है।
अनिल कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ने न केवल निगम की शक्तियों को हड़पने के लिए बल्कि अपनी पार्टी भाजपा के खिलाफ एक मजबूत सत्ता-विरोधी लहर को भांपते हुए, एमसीडी चुनावों में देरी करने के लिए एमसीडी को जल्दी से एकीकृत किया, क्योंकि अगर एमसीडी चुनाव होते तो लोग भाजपा को सत्ता से बाहर कर देते। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार किया है क्योंकि दिल्ली नगर निगम को केंद्रीय बजट में कोई फंड आवंटन नहीं किया गया है जबकि देश की अन्य सभी नगर पालिकाओं को फंड का आवंटन किया गया है।
चै. अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने लोगों से रिश्वत लेकर अनाधिकृत निर्माण की अनुमति देकर भ्रष्टाचार को एक नए स्तर पहुंचा दिया है, लेकिन भाजपा और आप नेताओं को रिश्वत देने वाले गरीब लोगों को अब भाजपा द्वारा बुलडोजर से भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, गरीबों के घरों और दुकानों को गैरकानूनी तरीके से गिराया जा रहा है। अनिल कुमार ने कहा कि एमसीडी में भाजपा द्वारा अपने 15 साल के कुशासन के दौरान पैदा की गई गड़बड़ी को तभी बदला जा सकता है जब भाजपा और आप नेताओं के हस्तक्षेप न हो और ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से काम किया जाए। जब जाकर एमसीडी की स्थिति में सुधार होगा।
यह भी पढ़ें: दिल्ली में गर्मी से राहत, इतने दिन रहेगी की बारिश
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube