India News(इंडिया न्यूज़) Money Laundering: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी तथा अन्य की संलिप्ततता वाले कथित 354 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ‘बैंक ऑफ सिंगापुर’ के पूर्व प्रबंधक (रिलेशनशिप) नितिन भटनागर को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मंगलवार को हिरासत में लिया गया है। उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 31 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। ED ने बुधवार को कहा कि उसने 354 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में एक और गिरफ्तारी कर लिया है।
धनशोधन का यह मामला केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से 2019 में दर्ज की गई प्राथमिकी से उपजा है। प्राथमिकी में आरोप हैं कि कंपनी ‘मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड’ (एमबीआईएल) और उसके प्रमोटरों ने धोखाधड़ी की और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए 354.51 करोड़ के ऋण में हेराफेरी की। बैंक की ओर से सीबीआई को शिकायत भेजे जाने पर मामला दर्ज किया गया। सीबीआई और ईडी दोनों ने रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उसे एजेंसी द्वारा एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 31 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। लगभग चार साल बाद इस मामले में कोई नई कार्रवाई देखने को मिल रही है। मनी लांड्रिंग का यह मामला अगस्त, 2019 में सीबीआइ द्वारा एफआइआर दर्ज करने के बाद अब ये सामने आया था।
ईडी ने इस मामले में रतुल पुरी को 2019 में गिरफ्तार किया था, अभी वह जमानत पर हैं। सीबीआई और ईडी ने पुरी परिवार, संजय जैन और विनीत शर्मा जैसे अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोपों पर मामला दर्ज किया था। बैंक ने एक बयान में और सीबीआई को दी शिकायत में कहा कि रतुल ने 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था, वहीं उनके अभिभावक बोर्ड में थे।
बैंक ने अपनी शिकायत में कहा कि कंपनी (मोजर बेयर) 2009 से विभिन्न बैंकों से कर्ज ले रही है और उसने कई बार अपने ऋण का पुनर्गठन भी कराया है। ईडी ने अदालत को बताया कि भटनागर ने बैंक ऑफ सिंगापुर में ‘प्रिस्टिन रिवर इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड’ नामक कंपनी के लिए बैंक खाता खोलने में “सुविधा” प्रदान की, क्योंकि वह इसके रिलेशनशिप मैनेजर थे। बैंक द्वारा सीबीआइ को शिकायत भेजे जाने के बाद मामला दर्ज किया गया था।सीबीआइ और ईडी दोनों ने रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी मां नीता और कुछ अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। सीबीआइ और ईडी ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।