India News(इंडिया न्यूज़), Moon: नए अध्ययन में दावा किया गया है कि चंद्रमा की उम्र कम से कम 4.46 अरब साल हो सकती है। इसका मतलब यह है कि चंद्रमा की उम्र वर्तमान में बताई जा रही उम्र से चार करोड़ साल ज्यादा हो सकती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि चार अरब साल से भी पहले, जब सौर मंडल अभी नया था और पृथ्वी अभी भी बढ़ रही थी, मंगल ग्रह के आकार की एक विशाल वस्तु हमारे ग्रह से टकराई थी। उनका कहना है कि प्रारंभिक पृथ्वी से जो सबसे बड़ा टुकड़ा टूटकर अलग हुआ, वह चंद्रमा बन गया।
चंद्रमा कम से कम 4.46 अरब वर्ष पुराना हो सकता है, जो चंद्र पिंड की आयु को 40 मिलियन वर्ष पीछे धकेल देता है। चार अरब साल पहले, जब सौर मंडल अभी भी युवा था और पृथ्वी अभी भी बढ़ रही थी, मंगल ग्रह के आकार की एक विशाल वस्तु हमारे ग्रह से टकराई। शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रारंभिक पृथ्वी से टूटे सबसे बड़े टुकड़े से चंद्रमा का निर्माण हुआ।
अमेरिका में शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक फिलिप हेक ने कहा, ‘ये क्रिस्टल सबसे पुराने ज्ञात ठोस पदार्थ हैं जो इस विशाल टक्कर के बाद बने थे। इस अध्ययन में उपयोग किए गए चंद्रमा की धूल के नमूने 1972 में अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाए गए थे। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस धूल के कण में छोटे ‘क्रिस्टल’ होते हैं जो लाखों साल पहले बने थे और वे संकेत देते हैं कि चंद्रमा का निर्माण कब हुआ होगा। उन्होंने कहा कि जब मंगल ग्रह के आकार का पिंड पृथ्वी से टकराया तो उससे उत्पन्न ऊर्जा से चट्टानें पिघल गईं और अंततः चंद्रमा की सतह का निर्माण हुआ।
शोधकर्ताओं ने कहा कि लेकिन ऐसा कब हुआ इसका सही समय अभी भी रहस्य बना हुआ है। अध्ययन में चंद्रमा के निर्माण के समय का पता लगाने के लिए 1972 में अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा वहां से लाए गए ‘क्रिस्टल’ का उपयोग किया गया था।इस अध्ययन में उपयोग किए गए चंद्रमा की धूल के नमूने 1972 में अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाए गए थे। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस धूल के कण में छोटे ‘क्रिस्टल’ होते हैं जो लाखों साल पहले बने थे और वे संकेत देते हैं कि चंद्रमा का निर्माण कब हुआ होगा। उन्होंने कहा कि जब मंगल ग्रह के आकार का पिंड पृथ्वी से टकराया तो उससे उत्पन्न ऊर्जा से चट्टानें पिघल गईं और अंततः चंद्रमा की सतह का निर्माण हुआ।
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